संभल विवाद मामले में विपक्ष लगातार हमलावर है। ऐसे में राहुल गांधी संभल हिंसा में पीड़ित परिवारों से बुधवार को मिलने जा रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने रोक लिया। राहुल और प्रियंका गांधी 2 घंटे तक वहां रुके रहे इसके बाद दिल्ली लौट गए।
इस बीच गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। राहुल ने भी अफसरों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस की गाड़ी में अकेले जाने को तैयार हूं लेकिन अफसर राजी नहीं हुए।
कार से निकलकर संविधान दिखाया
प्रियंका गांधी ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है, उन्हें इस तरह से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए थी ताकि वह पीड़तों से मिल सकें।
वहीं राहुल गांधी ने अपनी कार से निकलकर संविधान की एक पुस्तक दिखाई और कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर संभल जाना मेरा अधिकार है लेकिन फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे मुझे पुलिस के साथ अकेले भी ले जाने को तैयार नहीं हुए और अब कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आते हैं तो वे हमें जाने देंगे।
क्या था पूरा मामला
दरअसल, संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था जिसके बाद अदालत में याचिका डाली गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सर्वे के आदेश दे दिए। 24 नवंबर को जिस वक्त जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था उस वक्त दंगे भड़क गए जिसमें गोली लगने से चार युवकों की मौत हो गई।
सपा भी जाने को थी तैयार
इससे पहले शनिवार को सपा का भी 15 सदस्यों का शिष्ट मंडल संभल जाने वाला था, लेकिन प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उसे जाने से रोक दिया था। सपा का शिष्ट मंडल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय की अगुवाई में संभल जाने वाला था।

यूपी सरकार ने क्या कहा?
वहीं यूपी सरकार का कहना है कि विपक्ष मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि कांग्रेस नेता संभल मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राजनेताओं से अपील की कि वे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की कोशिश न करें।
उन्होंने कहा, 'दुख की बात है कि वे संभल मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। कृपया यूपी की कानून व्यवस्था को खराब न करें। आपके दौरे से वहां का माहौल खराब हो रहा है। पाकिस्तान से आए कारतूस के खोखे वहां बरामद हुए हैं और मामले की जांच की जा रही है। इसमें जो भी शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यूपी अब बदल चुका है। उसे विकास और कानून व्यवस्था की जरूरत है। वे यूपी को बांट नहीं पाएंगे। जब भी कोई बड़ा उपद्रव होता है, तो पुलिस धारा 144 लगा देती है, जिसके तहत शांति बहाल होने तक भीड़ इकट्ठा नहीं हो सकती। जब तक धारा लगी हुई है, कांग्रेस को वहां ऐसी हरकतें नहीं करनी चाहिए।'

मिले थे पाकिस्तानी कारतूस के खोखे
खबरों के मुताबिक घटनास्थल से पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्टरी की बनी हुई गोलियां बरामद हुई थीं। प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और पुलिस ने कहा था कि एनआईए की मदद से इसकी जांच की जाएगी। यह गोलियां 9 एमएम की थीं और इसके अलावा 12 और 32 बोर के कारतूस भी बरामद हुए थे।
प्रशासन का यह भी कहना था कि सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया है कि वे 10 दिसंबर तक संभल का दौरा न करें। इस संबंध में उन्हें मैसेज भेजा गया है।