लोकसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा की। यह चर्चा दो दिन तक चलेगी। संविधान पर चर्चा शुरू करने के दौरान रक्षा मंत्री ने उस समय को भी याद किया जब 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'लोकतंत्र के इस मंदिर, संसद की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीद सुरक्षाकर्मियों को मैं अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सबसे पहले, मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं अध्यक्ष महोदय कि आपने मुझे भारतीय संसद और संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर इस चर्चा में भाग लेने की अनुमति दी। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें भारतीय संविधान के अमृत महोत्सव का साक्षी बनने का मौका मिला है। 75 वर्ष पहले, संविधान सभा ने नए स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य पूरा किया था।'
संविधान की 75वीं वर्षगांठ
संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर राजनाथ सिंह ने सदन और देश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि 'मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ काम कर रही है। हमारी सरकार भारत के संविधान में निहित धर्म और न्याय की भावना के अनुरूप काम कर रही है।'
जब कांग्रेस पर भड़के राजनाथ सिंह
निचले सदन में संविधान पर बहस के दौरान राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान निर्माण की प्रक्रिया का अनादर किया है और उसे हाईजैक करने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, भगत सिंह और वीर सावरकर जैसे नेताओं के विचारों ने संविधान को मजबूत किया है। हालांकि, एक खास पार्टी ने हमेशा संविधान निर्माण की प्रक्रिया को हड़पने और हाईजैक करने की कोशिश की है।
जेब में संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं कांग्रेस
रक्षा मंत्री ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने वास्तव में कई बार संविधान का अपमान किया है इसलिए उन्हें हमें उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।'रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 'आज विपक्ष के कई नेता अपनी जेब में संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं। उन्होंने बचपन से ही यह सीखा है। उन्होंने अपने परिवारों में पीढ़ियों से संविधान को अपनी जेब में रखा हुआ देखा है लेकिन भाजपा संविधान को अपने माथे पर पहनती है। संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पूरी तरह से स्पष्ट है।' उन्होंने कहा कि अगर आप स्वतंत्र भारत के इतिहास पर नजर डालें तो कांग्रेस ने न केवल संविधान में संशोधन किया है, बल्कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से धीरे-धीरे इसे बदलने की कोशिश भी की है। जब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब संविधान में करीब 17 बार संशोधन किया गया था।'
राजनाथ ने कहा कि 'कांग्रेस के विपरीत, हमने संविधान को राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया है। हमने संविधान को जिया है। हमने एक सजग और सच्चे सिपाही की तरह संविधान के खिलाफ रची जा रही साजिशों का सामना किया है और इसकी रक्षा के लिए बड़ी-बड़ी मुश्किलें भी झेली हैं।'