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CM वही, जो पहली बार बना MLA! दिलचस्प है दिल्ली का इतिहास

शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री होंगी। रेखा गुप्ता को बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुना गया।

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रेखा गुप्ता। (Photo Credit: PTI)

रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया। रेखा गुप्ता लंबे वक्त से RSS से जुड़ी हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत ABVP से की थी। अब रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला सीएम होंगी। उनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।


शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगी। रेखा गुप्ता पहली नहीं हैं, जो पहली बार विधायक चुनने के बाद सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गईं। इसे महज इत्तेफाक कहा जाए या कुछ और... मगर दिल्ली में अब तक 8 में 7 मुख्यमंत्री ऐसे रहे हैं, जो पहली बार विधायक बनने के बाद ही सीएम बन गए हैं।

 

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CM बनने की गारंटी, पहली बार MLA!

  • ब्रह्म प्रकाशः चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री थे। 1951 में जब दिल्ली में पहले विधानसभा चुनाव हुए तो उन्होंने नांगलोई सीट से जीत हासिल की। लगभग 70 फीसदी वोट हासिल करने वाले ब्रह्म प्रकाश को कांग्रेस ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। 
  • गुरमुख निहाल सिंहः ब्रह्म प्रकाश ने कार्यकाल से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद दरियागंज सीट से पहली बार विधायक बने गुरमुख निहाल सिंह मुख्यमंत्री बने। गुरमुख निहाल सिंह को तत्कालीन गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत के करीबी होने का फायदा मिल गया था।
  • मदनलाल खुरानाः 37 साल तक दिल्ली में विधानसभा चुनाव नहीं हुए। 1993 में जब चुनाव हुए तो बीजेपी ने 49 सीटें जीतीं। बीजेपी ने मदन लाल खुराना को सीएम बनाया। खुराना मोतीनगर सीट से पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने कांग्रेस की अंजली राम को करीब 9 हजार वोटों से हराया था।
  • साहिब सिंह वर्माः 2 साल सीएम रहने के बाद खुराना ने इस्तीफा दे दिया। उनके बाद बीजेपी ने साहिब सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। साहिब सिंह वर्मा शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक बने थे। साहिब सिंह वर्मा ने 2 साल 228 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर रहने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
  • शीला दीक्षितः यूपी की कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद रहीं शीला दीक्षित ने 1998 में पहली बार दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ा। शाली दीक्षित ने कांग्रेस की टिकट पर गोल मार्केट से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के कीर्ति आजाद को हराया था। 1998 में जीत के बाद कांग्रेस ने पहली बार विधायक बनीं शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री बनाया। शीला दीक्षित 2013 तक 15 साल तक सीएम रहीं।
  • अरविंद केजरीवालः 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से पहला चुनाव लड़ा। उन्होंने यहां से शीला दीक्षित को 26 हजार वोटों से हराया। 2013 में पहली बार विधायक बने अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बने।
  • आतिशीः दिल्ली के कथित शराब घोटाले में जेल गए अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दिया तो आम आदमी पार्टी ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया। आतिशी 21 सितंबर 2024 को दिल्ली की सीएम बनीं। आतिशी भी पहली बार की विधायक थीं। उन्होंने 2020 में कालकाजी सीट से चुनाव जीता था। 

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सिर्फ सुषमा स्वराज ही हैं ऐसी...

1993 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 49 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि, इस पांच साल की सरकार में बीजेपी को तीन बार मुख्यमंत्री बदलने पड़े। मदनलाल खुराना और फिर साहिब सिंह वर्मा के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। सुषमा स्वराज दिल्ली की इकलौती मुख्यमंत्री हैं, जो सांसद थीं। जब उन्हें मुख्यमंत्री के लिए चुना गया, तब वो केंद्र सरकार में मंत्री थीं। केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इस पद पर सुषमा सिर्फ 52 दिन ही रह सकीं। 1998 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने सुषमा स्वराज के चेहरे पर लड़ा। हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी महज 15 सीटों पर सिमट गई थी।

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