पुलिस ने शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के यहां स्थित बंगले के बाहर संदिग्ध ‘रेकी’ (टोह लेने) के सिलसिले में चार लोगों से पूछताछ की और बाद में यह पुष्टि होने पर उन्हें छोड़ दिया कि वे एक दूरसंचार नेटवर्क सेवा कंपनी के कर्मचारी हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि ये लोग दूरसंचार नेटवर्क सेवा कंपनी ‘इंस्टा आईसीटी सॉल्यूशन’ के कर्मचारी हैं और क्षेत्र में नेटवर्क के संबंध में शनिवार को निरीक्षण कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि चार लोगों से पूछताछ की गई और कंपनी में उनकी भूमिका एवं पद की पुष्टि किए जाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
भांडुप इलाके में सुबह करीब साढ़े नौ बजे शिवसेना नेता के बंगले ‘मैत्री’ के बाहर मोटर साइकिल पर सवार दो लोग देखे गए। इसे संदिग्ध पाते हुए बंगले के बाहर इंतजार कर रहे कुछ लोगों ने राउत के छोटे भाई विधायक सुनील राउत को इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने बताया था कि दोपहिया वाहन पर आए दो लोग वहां से गुजरते समय कुछ देर तक वहां रुके थे। कांजुरमार्ग थाने से पुलिस की एक टीम इसके कुछ ही देर बाद घटनास्थल पर पहुंची और उसने जांच शुरू की।
फडणवीस को कहा झूठा
परभणी हिंसा के मामले में शिवसेना लीडर संजय राउत ने कहा कहा कि फडणवीस झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि परभणी हिंसा और बीड में सरपंच की हत्या के मामले में झूठ बोल रहे हैं।
दरअसल, फडणवीस ने संविधान की प्रतिकृति का अपमान करने वाले सोपान पवार को मानसिक रूप से बीमार बताया था और यह भी कहा था कि परभणी हिंसा हिंदू बनाम दलित नहीं है।
'मराठी माणूस पर हो रहा हमला'
वहीं शुक्रवार को उन्होंने नई-नई बनी बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि बीजेपी के शासन काल में मराठी लोग सुरक्षित नहीं हैं. वह थाणे जिले के कल्याण की घटना का जिक्र कर रहे थे जहां पर एक मराठी व्यक्ति को एक गैर-मराठी व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर पीटा गया था।