महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ देखने को मिला है। पुराने साथी छूटे हैं, नए गठबंधन बने हैं। इस सबका एक चक्र तब पूरा हुआ जब देवेंद्र फडणवीस फिर से महाराष्ट्र के सीएम बन गए। देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बना ली है लेकिन मंत्रिमंडल का गठन होते ही सत्ताधारी महायुति में खींचतान शुरू हो गई है। एक तरफ छगन भुजबल जैसे नेता सरेआम नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात से और खलबली मच गई है। इस मुलाकात की तस्वीर सामने आते ही नई सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस मुलाकात के बारे में शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने बयान भी दिया है।
यह सब उस वक्त हो रहा है जब दो दिन पहले ही महाराष्ट्र में मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ है। इसी शपथ ग्रहण के बाद छगन भुजबल (एनसीपी), सुधीर मुनगंटीवार (BJP), तानाजी सावंत (शिवसेना) और राजेंद्र गावित (शिवसेना) जैसे नेता नाराज बजाए जा रहे हैं। इस पर उद्धव ठाकरे ने चुटकी भी ली थी और कहा था कि देखिए आगे क्या-क्या होता है। छगन भुजबल के बारे में उद्धव ने कहा था, 'इस मामले पर तो वह मेरे संपर्क में नहीं हैं लेकिन वह मेरे संपर्क में रहते ही हैं।'
क्या बोले उद्धव ठाकरे?
फडणवीस से मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र में सामान्य राजनीति की उम्मीद करता हूं। मैं चुनाव नहीं जीत सका। उन लोगों ने चुनाव जीता और उनकी सरकार बनी। उम्मीद है कि महाराष्ट्र के हित में फैसले लिए जाएंगे। हम जनता के जरिए सवाल पूछते रहेंगे कि वे चुनाव जीत कैसे गए?'
इस मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा, 'आज हमारे पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर जी से भी मुलाकात की। हमने एक कदम आगे बढ़ाया है। महाराष्ट्र के लिए काम करते हुए दोनों ने राजनीतिक परिपक्वता दिखाई है। महाराष्ट्र के और देश के हित का जो भी होगा, उस पर हम साथ में काम करेंगे। हम भले ही विरोधी पक्ष में हैं, वह सत्ता पक्ष में हैं लेकिन हम जब जनता की ओर से चुनकर आए हैं। ईवीएम पर हमारे संदेह तो हैं ही। उन सब पर बात होती रहेगी। बहस होती रहेगी।'
इस बहुचर्चित मुलाकात पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है, 'देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री हैं। हम भी उनसे मिलते हैं। आज उद्धव ठाकरे उनसे मिले हैं। इसमें समस्या क्या है?'