• NEW DELHI 19 Dec 2024, (अपडेटेड 19 Dec 2024, 3:44 PM IST)
राहुल गांधी पर राज्यसभा सांसद फांनोन कोन्याक ने बुरे बर्ताव का आरोप लगाया है। राहुल गांधी प्रताप सारंगी के साथ हुए हादसे को लेकर विवादों में हैं, अब एक और नए विवाद में उनका नाम आ गया है। माजरा क्या है, आइए समझते हैं।
राज्यसभा सांसद फांगनॉन कोन्याक। (तस्वीर- PTI)
संसद में डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर जारी गतिरोध ने एक नया मोड़ ले लिया है। कुछ सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की के बाद बीजेपी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत अस्पताल में भर्ती हैं। अब नागालैंड से आने वाली बीजेपी की राज्यसभा सांसद एस फांनोन कोन्याक ने एक चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी पर आरोप लगाए हैं। फांनोन का कहना है कि राहुल गांधी ने उनका अपमान किया। फांनोन कोन्याक ने राज्यसभा के सभापति से अपील की है कि उनका संरक्षण किया जाए।
राज्यसभा सांसद ने फांगनॉन कोन्याक ने लिखा है कि राहुल गांधी ने उनका अपमान किया है। उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस के खिलाफ धरने पर बैठी थीं। वह मकर दीवार के पास खड़ी थीं। उनके हाथ में एक प्लेकार्ड था। वहीं से कुछ सांसद गुजर रहे थे, तभी कुछ सुरक्षाकर्मी वहां से गुजरे।
फांनोन कोन्याक ने आरोप लगाया है, 'वहां जैसे ही राहुल गांधी अपनी पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ आए। वे वहीं से गुजरने लगे, जहां मैं खड़ी थी। उनके लिए पर्याप्त जगह भी थी लेकिन वे मेरे सामने आ गए।'
फांनोन कोन्याक ने क्या-क्या कहा? फांनोन कोन्याक ने कहा, 'राहुल गाांधी ने मुझसे बुरा बर्ताव किया, तेज आवाज में बात की। वे मेरे करीब ही आ गए थे, जिससे मैं असहज हो गई। फांगनॉन कोन्याक ने कहा कि मैं वहां से भारी दिल से बाहर आई। किसी भी सदस्य को इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए।'
कौन हैं फांनोन कोन्याक? फांनोन कोन्याक नागालैंड से सांसद हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष भी हैं। वह नागालैंड बीजेपी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। वह संसद तक पहुंचने वाली पहली महिला हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई दीमापुर में हुई है। उन्होंने अपनी स्कूलिंग होली क्रॉस हायर सेकेंड्री स्कूल से की है। वह छात्र आंदोलनों में शामिल रही हैं।
फांनोन कोन्याक से पहले रानो एम शाइजा नागालैंड से चुनकर गई थीं। साल 1977 में वह पहुंची थी। दिल्ली में उन्होंने साहित्य में स्नातक किया। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं। फांगनॉन कोन्याक ट्रांसपोर्ट कमेटी की सदस्य भी रही हैं। वह पीठासीन अधिकारी भी रह चुकी हैं। वह उत्तर-पूर्वी क्षेत्र ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म, कल्चर पर मिनिस्ट्री फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ नार्थ ईस्टर्न रीजन की समिति सदस्य भी रही हैं।