कांग्रेस के सीनियर नेता के मुरलीधरन ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि शशि थरूर को अब पार्टी में पार्टी के साथ हैं, ऐसा नहीं माना जाता। के मुरलीधरन ने यह भी ऐलान किया कि जब तक थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपना रुख नहीं बदलते, उन्हें तिरुवनंतपुरम में होने वाले किसी भी पार्टी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा।
शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुलकर केंद्र सरकार के जवाब में बोलने की वजह से आलोचनाओं के केंद्र में हैं। उन्होंने कोच्चि के कार्यक्रम में हाल ही में कहा था कि अगर देश को हमेशा पहले रखना चाहिए। उन्होंने देश की सेना और सुरक्षा बलों की तारीफ की थी और सरकार के समर्थन की बात कही थी। अपने बयानों की वजह से वह आलोचना का शिकार हो रहे हैं।
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के मुरलीधरन, कांग्रेस:-
शशि थरूर का रुख बदलने तक उन्हें हमारे कार्यक्रमों में जगह नहीं मिलेगी। वह हमारे साथ नहीं हैं, इसलिए उनके बहिष्कार का सवाल ही नहीं उठता।
'बेवफा' टैग से परेशान हैं शशि थरूर
शशि थरूर ने यह भी कहा कि जब वह राष्ट्रीय हित में अन्य पार्टियों के साथ सहयोग की बात करते हैं तो उनकी पार्टी इसे 'बेवफाई' मानती है।
के मुरलीधरन के निशाने पर रहे हैं थरूर
शशि थरूर हमेशा के मुरलीधरन के निशाने पर रहे हैं। मुरलीधरन ने थरूर पर एक सर्वे शेयर करने के लिए भी निशाना साधा था, जिसमें शशि थरूर, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की सीएम रेस में सबसे आगे थे। के मुरलीधरन ने तंज कसते हुए कहा था कि शशि थरूर को पहले यह तय करना चाहिए कि वह किस पार्टी के साथ हैं।
क्यों कांग्रेसियों की ही निगाहों में खटक रहे हैं शशि थरूर?
शशि थरूर की ओर से आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की आलोचना करने वाले एक लेख के बाद भी मुरलीधरन ने उन पर हमला बोला था। उन्होंने शशि थरूर से साफ तौर पर अपनी राजनीतिक राह चुनने को कहा था।
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कांग्रेस से अलग राह पर चल रहे थरूर?
कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी दल, पहलगाम आतकी हमले में हुई सुरक्षा चूक और समय से पहले किए गए सीज फायर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार को संसद सत्र के पहले दिन घेरने की कोशिश की जा रही है, इसी बीच शशि थरूर का अलग रुख, कांग्रेस के लिए ही मुश्किलें खड़ी कर रहा है। ऐसा कांग्रेस नेताओं का कहना है।
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शशि थरूर पर विवाद की असली वजह समझिए
पहलगाम हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार के रुख का समर्थन कर शशि थरूर अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए। सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर रखने के लिए सात प्रतिनिधिमंडल बनाए, जिनमें से एक की अगुवाई शशि थरूर ने की।
जयराम रमेश ने बिना चर्चा के शशि थरूर का नाम शामिल करने का आरोप लगाया। शशि थरूर ने जिम्मेदारी स्वीकार की, लेकिन उनके ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ और बयानों पर उदित राज ने उन्हें बीजेपी का सुपर प्रवक्ता कहा। कांग्रेस के कई नेताओं ने इसकी वजह से उनकी कड़ी आलोचना की है।