विश्व हिंदू परिषद ने हिंदू दंपतियों से अपील की है कि हर वे कम से कम 3 बच्चे पैदा करें। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि हिंदुओं की आबादी अन्य धर्मों की तुलना में कम हो रही है, ऐसे में जनसंख्या संतुलन के लिए हिंदुओं का ज्यादा बच्चे पैदा करना जरूरी है।
विश्व हिंदू परिषद की सलाह है कि हिंदू दंपति बांग्लादेश से सबक लें और अपनी आबादी बढ़ाएं, जिससे देश में जनसंख्या संतुलन हो सके। उनका इशारा था का देश में मुस्लिम जनसंख्या की अपेक्षा हिंदुओं की आबादी कम बढ़ी है। विश्व हिंदू परिषद के नेता अरसे से जनसंख्या असंतुलन की बात उठा रहे हैं।
'कम से कम 3 बच्चे पैदा करें हिंदू'
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को विराट संत सम्मेलन में हिस्सा लिया था। यहां मौजूद संतों ने दावा किया कि हिंदुओं की आबादी घट रही है। विहिप के महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा, 'हिंदुओं की घटती आबादी दर ने देश में जनसंख्या असंतुलन पैदा कर दिया है। हिंदू समाज के पूज्य संतों ने हर हिंदू परिवार में कम से कम तीन बच्चे पैदा करने का आह्वान किया है।'
क्यों हिंदुओं को मिल रही ऐसी सलाह?
बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा, 'भारत में भी कुछ तत्व हिंदुओं को बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की धमकी दे रहे हैं। देश के हिंदुओं को इस विषय पर गहराई से सोचना चाहिए। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के निरंकुश और असीमित अधिकारों को सीमित करने के लिए कानून सुधार अधिनियम ला रही है।'
क्या सच में घट रही है हिंदुओं की आबादी?
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 1950 से साल 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी में 7.82% की गिरावट आई है। मुस्लिमों की आबादी में 43.15% की बढ़ोतरी हुई है। साल1950 में भारत में हिंदुओं की आबादी 84.68% थी, जो 2015 तक घटकर 78.06% हो गई।