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अविमुक्तेश्वरानंद और धीरेन्द्र शास्त्री में झगड़ा किस बात का है?

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बीच विवाद की खबरें सामने आई हैं। धीरेंद्र शास्त्री का आरोप है कि शंकराचार्य उन्हें हर दूसरे दिन गाली देते रहते हैं।

Dhirendra Krishna Shastri

धीरेंद्र शास्त्री और रामभद्राचार्य: Photo credit: X Handle/पंडित धीरेंद्र शास्त्री (मोदी का परिवार)

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बीच विवाद की खबरें सामने आई हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य हर दो दिन में उन्हें गाली देते हैं। हालांकि, उन्होंने इसे अपने लिए आशीर्वाद की तरह बताया है। धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर गोटेगांव स्थित परमहंसी गंगा आश्रम के शास्त्री सोहन तिवारी ने कड़ा ऐतराज जताया है। शनिवार को जारी एक वीडियो में उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री से इस आरोप का प्रमाण देने की मांग की है। सोहन तिवारी ने कहा कि शंकराचार्य ने कभी किसी को अपमानजनक शब्द नहीं कहा है। बिना सबूत के ऐसे आरोप लगाना न तो शास्त्रों के अनुसार है और न ही लोकाचार का हिस्सा है।

 

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के बीच चल रहा विवाद कई मुद्दों को लेकर और तीखा हो गया है। मतभेद की जड़ धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों से जुड़े दावे, हिंदू राष्ट्र की अवधारणा, जाति-पाति पर दिए गए बयान और जोशीमठ की दरारों जैसे मुद्दों से जुड़ा हैं। शंकराचार्य का आरोप है कि धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में पाखंड फैला रहे हैं और धीरे-धीरे एक धार्मिक गुरु से अधिक राजनीतिक और व्यावसायिक गतिविधियों में उलझते जा रहे हैं। 

 

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कहां से शुरू हुआ विवाद

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बीच विवाद कई संवेदनशील मुद्दों को लेकर लगातार गहरा होता जा रहा है।

चमत्कारी दावे

सबसे पहले बात चमत्कारी दावों से शुरू हुई थी। शंकराचार्य ने धीरेंद्र शास्त्री के दावों को पाखंड बताते हुए चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनमें चमत्कारी शक्ति है तो वह जोशीमठ की दरारें ठीक करके दिखाएं। शंकराचार्य का कहना है कि धर्म के नाम पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।

हिंदू राष्ट्र का मुद्दा

कुछ दिन पहले धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया था। इस मुद्दे को लेकर भी विवाद हुआ था। धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर शंकराचार्य ने तंज कसते हुए था कि शास्त्री कभी हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो कभी हिंदू गांव बनाने की, जो उनकी निराशा को दर्शाता है।

 

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शास्त्री के बयान पर भड़के शंकराचार्य

जाति-पाति को खत्म करने को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि 'सब हिंदू भाई-भाई'उनकी इस बात पर भी शंकराचार्य  ने आपत्ति दर्ज की थी। शंकराचार्य के अनुसार, यह धर्मशास्त्र के खिलाफ है और इसे राजनीतिक चाल के रूप में देखा जाना चाहिए।

महाकुंभ की भगदड़ पर छिड़ा था विवाद

महाकुंभ की भगदड़ में हुई मौतों को लेकर धीरेंद्र शास्त्री का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'उन्हें मोक्ष मिल गया'। शास्त्री के इस बयान पर शंकराचार्य ने कड़ा पलटवार किया था। वहीं, राजनीतिक एजेंडे को लेकर शंकराचार्य का आरोप है कि शास्त्री अब एक पार्टी के एजेंट बनकर वोट बैंक जुटाने में लगे हैं।

सोहन तिवारी ने किस बात को लेकर धीरेंद्र शास्त्री को किया आमंत्रित

धीरेंद्र शास्त्री के बयान को पर परमहंसी गंगा आश्रम के शास्त्री सोहन तिवारी ने कहा कि बिना किसी प्रमाण के शंकराचार्य पर ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए। तिवारी ने बताया कि सनातन परंपरा में शंकराचार्य पद सर्वोच्च स्थान रखता है। अपने गुरु की महिमा के लिए दूसरे गुरु का अपमान करना अक्षम्य अपराध है।

 

परमहंसी गंगा आश्रम के शास्त्री ने धीरेंद्र शास्त्री को संवाद के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि विवादित टिप्पणियों से संवाद नहीं होगा। साथ ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान भी किया है।

 

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