भगवान विष्णु को सनातन धर्म में पालनकर्ता माना जाता है। उनकी कृपा से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। विष्णु जी की उपासना के लिए कई प्रभावशाली मंत्र हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति को शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यहां हम भगवान विष्णु के पांच प्रमुख मंत्रों को अर्थ सहित विस्तार से समझते हैं।
विष्णु मूल मंत्र
'ॐ विष्णवे नमः।'
अर्थ: इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र सभी बाधाओं को दूर करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
द्वादशाक्षर मंत्र
'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।'
अर्थ: यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु दोनों की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसका जाप करने से भक्त के जीवन में आध्यात्मिक जागरण होता है और वह विष्णु जी की कृपा से सांसारिक दुखों से मुक्त होता है।
विष्णु गायत्री मंत्र
'ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥'
अर्थ: इस मंत्र के जाप से बुद्धि का विकास होता है और व्यक्ति सही मार्ग पर चलता है। यह मंत्र मानसिक शांति, धैर्य और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है।
विष्णु शांति मंत्र
'ॐ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥'
अर्थ: यह मंत्र भगवान विष्णु के शांति स्वरूप की स्तुति करता है। इसे जपने से मन शांत होता है, नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में स्थिरता आती है।
नारायण मंत्र
'ॐ नारायणाय नमः।'
अर्थ: इस मंत्र का जाप करने से भगवान नारायण की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र सभी दुखों का नाश करता है और व्यक्ति को आत्मिक बल प्रदान करता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।