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क्या है गोवर्धन पूजा की तिथि और मुहूर्त? एक क्लिक में जानें सारे जवाब

भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक गोवर्धन पूजा माना जाता है। यह दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है और इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इसका विशेष महत्व है।

Govardhan Puja 2024 Check Shubh Muhrat tithi Annakut Puja

Lord Krishna Image Image Credit: Representative Image

दिवाली के बाद अन्नकूट पूजा यानी गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। कई लोगों ने दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई है जिसको देखते हुए गोवर्धन पूजा शनिवार, 2 नवंबर को मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण की वर्षा के देवता इंद्र पर विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। ऐसे में आइये जान लेते है कि गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

 

क्या है शुभ मुहूर्त?

गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 2 नवंबर को रात 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। गोवर्धन पूजा के लिए प्रातःकाल मुहूर्त 2 नवंबर को सुबह 6 बजकर 14 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक है। पूजा के लिए शाम का मुहूर्त 2 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से शाम 5 बजकर 53 मिनट  तक है।

 

गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
जानकारी के लिए बता दें कि भगवान कृष्ण ने अपना अधिकांश बचपन ब्रज में बिताया। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, ब्रज में गोवर्धन पर्वत के पास रहने वाले लोगों ने वर्षा के देवता भगवान इंद्र की पूजा करके शरद ऋतु का जश्न मनाना शुरू कर दिया। हालांकि, भगवान कृष्ण ने इसे स्वीकार नहीं किया और ग्रामीणों से केवल एक परमात्मा की पूजा करने को कहा।

 

जब ग्रामीणों ने ऐसा किया, तो इससे भगवान इंद्र क्रोधित हो गए और उन्होंने आंधी और मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। ब्रज के लोगों की रक्षा के लिए, भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी को आश्रय प्रदान किया। सात दिनों तक भारी बारिश और आंधी के बाद, भगवान इंद्र ने हार मान ली। तब से, भगवान कृष्ण की वीरता को याद करने के लिए इस दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। 

 

गोवर्धन पूजा का क्या है महत्व?
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भगवान कृष्ण की अपने भक्तों की रक्षा के लिए पूजा करने के लिए मनाई जाती है। इस दिन 56 भोग बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इस दिन मंदिरों में भी अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत को बनाया जाता है। गोवर्धन के पर्वत के बीचोबीच भगवान कृष्ण की तस्वीर लगाई जाती है और पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग गोवर्धन की पूजा करते हैं, उन लोगों की संतान से संबधित समस्याएं खत्म हो जाती हैं।  

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