हिंदू धर्म में हनुमान जी की उपासना भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार के रूप में की जाती है। उनकी उपासना के लिए मंगलवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही, यह भी मान्यता है कि इस विशेष दिन पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। हालांकि, हनुमान चालीसा का पाठ करते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं इन बातों के बारे में:
शुद्धता का ध्यान रखें
हनुमान चालीसा पढ़ते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिस स्थान पर भी हनुमान चालीसा का पाठ करें, वहां साफ-सफाई बनाए रखें। ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त होता है।
स्थान का चयन
हनुमान चालीसा के पाठ के लिए कोई विशेष स्थान निर्धारित नहीं है। आप किसी भी जगह पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। हालांकि, घर में बने पूजा स्थल में या मंदिर में इसका पाठ करने से इसका लाभ बढ़ जाता है।
समय का महत्व
हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष समय निश्चित नहीं है। फिर भी, इसका पाठ सुबह और शाम को करना उत्तम माना जाता है। सुबह के समय स्नान-ध्यान के बाद और शाम को संध्या पूजा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ होता है।
लाल कपड़े का प्रयोग
पाठ करते समय अपने पास लाल कपड़ा अवश्य रखें। लाल रंग का संबंध हनुमान जी से जोड़ा जाता है और मान्यता है कि इससे वे प्रसन्न होते हैं।
आत्मिक और शारीरिक शुद्धता
जो लोग प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उन्हें शारीरिक शुद्धता के साथ आत्मिक शुद्धता का भी ध्यान रखना चाहिए। मांस, मदिरा या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। पाठ करते समय मन को एकाग्रचित रखना चाहिए।
पाठ की संख्या
हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है: "जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई"। इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यदि 100 बार पाठ करना संभव न हो, तो 3, 5, 7, 9 या 11 बार इसका पाठ कर सकते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।