पांच साल के लंबे अंतराल के बाद, भारत की सबसे पवित्र यात्राओं में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने घोषणा की है कि यह यात्रा 30 जून 2025 से शुरू होकर अगस्त 2025 तक चलेगी। इस खबर ने कैलाश यात्रा की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं में नई ऊर्जा भर दी है।
कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक पहुंचने वाली यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ी है, बल्कि यह हिमालय के कठिन रास्तों में साहस और सहनशक्ति की भी एक परीक्षा होती है। आप यदि पहली बार यात्रा करने जा रहे हैं या वर्षों से इसके फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, तो आपको कुछ बातें जान लेनी चाहिए।
यात्रा के मुख्य मार्ग और कहां करें आवेदन
इस बार यात्रा दो पारंपरिक रास्तों पर होगी एक लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और दूसरा नाथू ला दर्रा (सिक्किम) पर। इसके साथ आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और आप kmy.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि लिपुलेख मार्ग से 5 बैच व नाथू ला मार्ग से 10 बैच जाएंगे और दोनों बैच में 50-50 यात्री होंगे। चयन एक कंप्यूटर आधारित प्रक्रिया है।
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आवेदन कैसे करें?
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए आवेदन करना बहुत आसान है:
सबसे पहले वेबसाइट kmy.gov.in पर जाएं।
ऑनलाइन आवेदन पत्र सावधानी से भरें।
जरूरी दस्तावेज अपलोड करें:
पासपोर्ट साइज फोटो
भारतीय पासपोर्ट की स्कैन कॉपी
मेडिकल फिटनेस लेटर (निर्देशानुसार)
रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करें।
सूचना का इंतजार करें।
अब आपको फिजिकल डॉक्यूमेंट या पत्र भेजने की जरूरत नहीं है।
मेडिकल फिटनेस है जरूरी
कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिटनेस जांच जरुरी है क्योंकि यह यात्रा उच्च हिमालयी ऊंचाई और कठिन मौसम में होती है। सभी चयनित यात्रियों को मेडिकल फिटनेस टेस्ट देना अनिवार्य है। यात्रा से पहले सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष ब्रीफिंग सेशन भी होंगे। यात्री को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होना चाहिए।
यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
जल्दी आवेदन करें: क्योंकि चयन रैंडम है, जल्दी आवेदन करने से आपके चुने जाने की संभावना बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य की तैयारी करें: यात्रा से 2-3 महीने पहले से चलना, दौड़ना और सांस लेने के व्यायाम करना शुरू करें।
नियमों का पालन करें: ब्रीफिंग सेशन में भाग लेना और सभी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
याद रखें, यह यात्रा कठिन है लेकिन यदि आप तैयारी सही करें तो यह आपके जीवन की सबसे अविस्मरणीय यात्रा बन सकती है।
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कैलाश मानसरोवर से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
कैलाश पर्वत को हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव अपनी पत्नी माता पार्वती के साथ ध्यान करते हैं।
मानसरोवर झील को ब्रह्मा जी ने अपने मन से बनाया था, इसीलिए इसे 'मानस' (मन से उत्पन्न) और 'सरवर' (झील) कहा जाता है। इस झील में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म के साथ-साथ यह स्थल बौद्धों और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी पवित्र है। जैन धर्म में मान्यता है कि प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने कैलाश क्षेत्र में तपस्या की थी। बौद्ध मानते हैं कि यही स्थान मायत्रेय बुद्ध का निवास स्थल है।