हिंदू धर्म में सूर्य देवता को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें कि सूर्य देव की उपासना के लिए संक्रांति दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में यह बताया गया है कि इस दिन सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। आइए जानते हैं, फरवरी महीने में संक्रांति पर्व कब?
कुंभ संक्रांति 2025 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, फरवरी माह में कुंभ संक्रांति पर्व 12 फरवरी 2025, बुधवार के दिन किया जाएगा। साथ ही इस दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। इसके साथ इस दिन महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 18 मिनट से शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।
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बता दें कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त के समय स्नान-ध्यान करना उत्तम होता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 05 बजकर 19 मिनट से सुबह 06 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
कुंभ संक्रांति पूजा महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान करने और दान करने की परंपरा भी प्रचलित है, जिससे पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
संक्रांति पर सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। ऐसी भी मान्यता है कि सुबह के समय सूर्य देव को जल चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और मन शांत रहता है। सूर्य देव की पूजा करने से ग्रहों की स्थिति भी अनुकूल होती है। कुंडली में यदि सूर्य कमजोर हो, तो संक्रांति के दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सफलता मिलती है और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है। इस दिन तिल, गुड़, कपड़े और अन्न का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।