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जूना अखाड़ा से पंचायती तक, जानिए इन अखाड़ों के इष्ट देवता के नाम

महाकुंभ में सभी अखाड़ों के साधु-संत स्नान के लिए आते हैं। आइए जानते हैं इन अखाड़ों के विषय में कुछ खास बातें और उनके इष्ट देवता का नाम।

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प्रतीकात्मक चित्र।(Photo Credit:PTI File Photo)

महाकुंभ का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। आस्था के इस महाआयोजन में लाखों साधु-संत हिस्सा लेते हैं, जो विभिन्न अखाड़ों से संबंध रखते हैं। महाकुंभ और इन अखाड़ों का गहरा संबंध है। साधु-संतों के ये अखाड़े धर्म के प्रचार-प्रसार और आध्यात्मिक शक्ति को प्रगति देने के लिए कार्य करते हैं।

 

13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ में शाही स्नान किया जाता है, जिसमें इन अखाड़ों के साधु-संत सबसे पहले स्नान करते हैं। इन अखाड़ों का अपना विशेष महत्व है, जिनका विशिष्ट सूत्र वाक्य, ध्वज और इष्ट देवता होते हैं। आइए जानते हैं हिंदू धर्म में 13 प्रमुख अखाड़ों के विषय में।

जूना अखाड़ा

जूना अखाड़ा सबसे प्राचीन और बड़ा अखाड़ा है। यह धर्म की रक्षा और वैदिक परंपराओं के पालन के लिए प्रसिद्ध है। इस अखाड़े का सूत्र वाक्य ‘धर्म की रक्षा और समाज का कल्याण’ है और इस अखाड़े का भगवा रंग का ध्वज होता है, जिसमें त्रिशूल और डमरू अंकित होते हैं। इस अखाड़े के इष्ट देवता भगवान दत्तात्रेय और भगवान शिव हैं।

अवधूत अखाड़ा

अवधूत अखाड़ा साधना और तपस्या के लिए प्रसिद्ध है। इसका उद्देश्य आत्मज्ञान प्राप्त करना है। इस अखाड़े का सूत्र वाक्य ‘आत्मज्ञान और साधना का मार्ग’ है। साथ ही इनका सफेद और केसरिया रंग का ध्वज है और इनके इष्ट देवता भगवान शिव हैं।

निर्मल अखाड़ा

निर्मल अखाड़ा सिख परंपरा से जुड़ा है और इसकी स्थापना संतों द्वारा धर्म और समाज की सेवा के लिए की गई थी। इस अखाड़े का सूत्र वाक्य ‘सेवा, साधना और ज्ञान का प्रसार’ है और झंडा सफेद रंग का ध्वज, जो पवित्रता और शांति का प्रतीक है। इस अखाड़े के इष्ट देवता है श्री गुरु ग्रंथ साहिब हैं।

अटल अखाड़ा

अटल अखाड़ा हनुमान जी को समर्पित है और निडरता से धर्म की रक्षा करने में विश्वास रखता है, जिनका सूत्र वाक्य ‘निडरता और धर्म रक्षा’ है। इनके ध्वज का रंग केसरिया और भगवान हनुमान जी इस अखाड़े के इष्ट देवता हैं।

महानिर्वाणी अखाड़ा

महानिर्वाणी अखाड़ा का मुख्य उद्देश्य साधना और समाज में धर्म का प्रचार करना है। इस अखाड़े का सूत्र वाक्य ‘धर्म, तप और सत्य का अनुसरण’ है और इनके झंडे का रंग भगवा है, जिसमें ओम अंकित होता है। इस अखाड़े के इष्ट देवता भगवान शिव हैं।

आनंद अखाड़ा

यह अखाड़ा भक्ति और आनंद मार्ग को अपनाने के लिए प्रसिद्ध है, जो वैष्णव परंपरा का पालन करता है। इस अखाड़े का सूत्र वाक्य ‘आनंद और शांति का मार्ग’ और सफेद रंग का ध्वज है। इस अखाड़े के इष्ट देवता भगवान श्रीकृष्ण हैं।

निरंजनी अखाड़ा

निरंजनी अखाड़ा सादगी और ध्यान के माध्यम से आत्मा की शुद्धि में विश्वास रखता है, जिसका सूत्र वाक्य ‘सरलता और साधना’ है और इसअखाड़े का सफेद व केसरिया ध्वज। भगवान शिव इस अखाड़े के इष्ट देवता हैं।

अग्नि अखाड़ा

अग्नि अखाड़ा की विशेषता इसकी ऊर्जा और निडरता है। इस अखाड़े का सूत्र वाक्य ‘धर्म और ऊर्जा का समन्वय’ है और इनका ध्वज लाल और केसरिया रंग का है। इस अखाड़े के इष्ट देवता अग्नि देव हैं।

श्री पंचायती अखाड़ा

श्री पंचायती अखाड़ा संगति और समाजसेवा के लिए समर्पित है। जिसका सूत्र वाक्य ‘संगति और समाजसेवा’ है, साथ ही इनका ध्वज सफेद रंग का है और इस अखाड़े के इष्ट देवता भगवान राम हैं।

तपोनिधि अखाड़ा

वैष्णव परंपरा का पालन करने वाले अखाड़ों में से एक तपोनिधि अखाड़ा त्याग और तपस्या का प्रतीक है। जिनका सूत्र वाक्य तप और त्याग और इनके झंडे का भगवा रंग होता है। इस अखाड़े के इष्ट देवता भगवान विष्णु हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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