भारत में कई है प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनका संबंध पौराणिक कथाओं और मान्यताओं से जुड़ता है। इन्हीं में से एक आस्था की नगरी प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के तट पर स्थित प्राचीन श्री नागवासुकि मंदिर है। यह मंदिर नागों के राजा वासुकि नाग को समर्पित हैं और मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है। महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगा। इस आयोजन की तयारी जोरो शोरों से चल रही हैं। प्रयागराज को सौंदर्यीकरण के लिए कई जग काम चल रहे हैं। इसी कड़ी में महाकुंभ से पहले श्री नागवासुकि मंदिर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है।
क्या है श्री नागवासुकि मंदिर का महत्व?

हिंदू धर्मग्रंथों में वासुकि मंदिर का उल्लेख विस्तार से किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था, तब वासुकि नाग समुद्र मंथन में रस्सी के रूप में उपयोग किए गए थे। समुद्र मंथन में 14 रत्नों की प्राप्ति हुई, जिसमें अमृत कलश भी शामिल था। मंथन के बाद मंदराचल पर्वत पर घर्षण की वजह से वासुकि नाग लहूलुहान हो गए थे। तब भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयागराज में इसी स्थान पर विश्राम करने का सुझाव दिया था।
वासुकि नाग का भगवान शिव से भी विशेष संबध है। कथा के अनुसार, नागराज वासुकि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। भगवान शिव नागराज की तपस्या से अत्यंत प्रसन्न होकर, उन्हें अपनी जटाओं और गले में स्थान दिया था। वासुकि नाग की गणना महादेव के सबसे प्रिय गणों में की होती है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि नागराज वासुकि अभी भी इस क्षेत्र में रक्षा करते हैं और जो यहां सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, उनकी हर बाधा और भय को दूर हो जाते हैं। कालसर्प दोष से पीड़ित जातकों को भी इसी मंदिर में पूजा करने की सलाह दी जाती है।
वासुकि मंदिर की संरचना
मंदिर की संरचना साधारण लेकिन अत्यंत प्रभावशाली है। इसमें वासुकि नाग की मूर्ति को श्रद्धापूर्वक सजाया गया है। यह स्थान प्राचीन हिंदू स्थापत्य कला का उदाहरण है और अपने सकारात्मक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। वासुकि मंदिर के निकट प्रयागराज का प्रसिद्ध संगम स्थल, त्रिवेणी संगम, और बड़े हनुमान मंदिर स्थित हैं। कुंभ और महाकुंभ मेले के दौरान इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है।