हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 जनवरी 2025, मंगलवार को यह पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों में मकर संक्रांति का विस्तार से वर्णन किया गया है। हालांकि, इस विशेष दिन पर कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए और विभिन्न विधानों से भगवान की उपासना करनी चाहिए।
मकर संक्रांति के हैं यह नियम
- बताया गया है कि मकर संक्रांति के दिन बिना स्नान किए भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। प्रातःकाल स्नान ध्यान के बाद भगवान की उपासना करें और इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
- मकर संक्रांति के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन मांस और मदिरा का सेवन भी वर्जित है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं और पूजा का फल नष्ट हो जाता है।
- मकर संक्रांति के नियमों में यह भी बताया गया है कि इस विशेष दिन पर दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। घर आए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। उन्हें भोजन और वस्त्र का दान अवश्य करें।
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मकर संक्रांति पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन सुबह उठकर स्नान ध्यान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उसके बाद सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने के बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करें और विधि-विधान से देवी-देवताओं की उपासना करें। पूजा के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करें।
संक्रांति तिथि को भगवान सत्यनारायण की पूजा के लिए भी सबसे उपयुक्त माना जाता है। पूजा के अंत में सूर्य देव को गुड़, चावल, तिल और सात्विक खिचड़ी का भोग अर्पित करें।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता.