पूर्वोत्तर भारत के राज्य मिजोरम की लोकसंस्कृति में पथियन देवता का विशेष महत्व माना जाता है। मिजो समाज की प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, पथियन को सृष्टि का रचयिता और जीवन का संरक्षक माना गया है। माना जाता है कि पथियन ने मनुष्य, प्रकृति और जीव-जंतुओं को जन्म दिया और संसार में संतुलन बनाए रखने का कार्य करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि मिजोरम की लोकधारा में पथियन के साथ ‘खुआनू’ नाम की देवी का भी उल्लेख मिलता है।
देवी खुआनू को धरती मां और पोषण की शक्ति के रूप में पूजा जाता है। इन दोनों देव शक्तियों की आराधना खेत-खलिहान की समृद्धि, वर्षा, उर्वरता और जीवन की रक्षा से जुड़ी हुई है। मिजोरम के लोग जन्म, विवाह और मृत्यु जैसे अवसरों पर विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान करके पथियन देवता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यही वजह है कि पथियन देवता मिजो समाज की धार्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा माने जाते हैं।
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मिजो समुदाय का लोक विश्वास
मिजो समाज की प्राचीन मान्यता में पथियन देवता को सर्वोच्च सृष्टिकर्ता और संरक्षक माना जाता है। यह माना जाता है कि पथियन देवता ने संसार की रचना की, प्रकृति को बनाए रखा और मनुष्यों को जीवन हेतु आवश्यक तत्व (जैसे पानी, जमीन, पेड़-पौधे, पशुपालन आदि) प्रदान किया है। मान्यता के अनुसार, उनकी शक्ति, न्याय और दया से ही संसार में संतुलन बना रहता है।
पथियन देवता से जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार, मनुष्यों और जीवों की पहली चेतना प्रकट होने के बाद, पथियन देवता ने यह सुनिश्चित किया कि प्राकृतिक आपदाएं, मौसमों में बदलाव और श्राप-आशीर्वाद की शक्तियां संतुलित रहें। मिजो समाज की मान्यता के अनुसार, अगर मनुष्य बुरे कर्म करता है, तो पथियन देवता उसे सजा देते हैं और अगर धर्म, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलता है, तो आशीर्वाद और कल्याण प्रदान करते हैं।
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मान्यताएं और सामाजिक प्रभाव
- लोगों का विश्वास है कि पथियन देवता को संतुष्टि दिलाने से खेत-खलिहान, जंगल, वर्षा और मौसम की अनुकूलता बनी रहती है।
- जन्म, मृत्यु, विवाह आदि जीवन के विशेष अवसरों पर गांवों में विशेष प्रार्थना की जाती हैं, जिसमें पथियन देवता से आशा की जाती है कि वह मानव जाति पर कृपा रखें।
- मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा से भी जुड़ी मान्यताएं हैं: मिजो समाज के अनुसार, अच्छे जीवन और धर्म का पालन करने वालों की आत्मा को पथियन देवता के यहां स्वर्ग जैसा स्थान मिलता है, जबकि बुरे कर्म करने वालों के जीवन में कठिनाइयां होती हैं।
- लोकशाखाओं में विशेष त्योहारों और लोकगीतों, नृत्यों व परंपराओं के माध्यम से पथियन देवता की आराधना और उनकी महिमा की बातें की जाती हैं।