बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज प्रखंड में स्थित सोमेश्वर नाथ मंदिर आस्था और श्रद्धा का ऐसा धाम है, जिसे शिवभक्त उत्तर भारत का प्रमुख शिवालय मानते हैं। मान्यता है कि यहां स्थित विशाल शिवलिंग की शक्ति बारह ज्योतिर्लिंगों के समान है। सावन के महीने और महाशिवरात्रि पर यहां का दृश्य अद्भुत होता है, जब हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने आते हैं। लोकविश्वास है कि यहां पूजा करने से हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन से संकट दूर होते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेतायुग में लंका विजय के बाद भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण इसी स्थान पर पहुंचे थे और भगवान शिव की आराधना की थी। तभी से यह स्थान अरेराज सोमेश्वर नाथ के रूप में प्रसिद्ध हुआ। एक अन्य कथा में उल्लेख है कि प्राचीन समय में राजा अरेराज ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी, जिससे यह धाम शिवभक्तों के लिए सर्वोच्च तीर्थ बन गया।
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अरेराज मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
अरेराज सोमेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी कथा त्रेता युग से जोड़ी जाती है। प्रचलित कथा के अनुसार, कहा जाता है कि जब भगवान राम ने लंका में रावण का वध कर विजय प्राप्त किया और माता सीता के साथ अयोध्या लौट रहे थे, तो वह रास्ते में अरेराज पहुंचे। चूंकि रावण स्वयं शिव जी का महान भक्त था, इसलिए रामचंद्रजी ने इस स्थान पर आकर भगवान शिव का पूजन और जलाभिषेक किया था। माना जाता है कि यहीं पर भगवान राम ने विशाल शिवलिंग की स्थापना की थी और तभी से यह स्थान 'सोमेश्वर नाथ' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में इस क्षेत्र पर राजा अरेराज का शासन था। मान्यता है कि राजा शिव जी के अनन्य भक्त थे और उन्होंने यहां तपस्या कर शिवलिंग की स्थापना की थी। तब से यह मंदिर 'अरेराज सोमेश्वर नाथ' के नाम से जाना जाने लगा।
यह भी कहा जाता है कि जिस शिवलिंग की स्थापना यहां हुई है, उसकी शक्ति बारह ज्योतिर्लिंगों के बराबर मानी जाती है। इसी वजह से सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर यहां जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है।

अरेराज मंदिर की मान्यता
स्थानीय मान्यता के अनुसार, अरेराज का यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों के समान शक्तिशाली है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां दर्शन और पूजा करने से हर प्रकार की मनोकामना पूरी होती है। खासतौर पर सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर हजारों श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने आते हैं।
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अरेराज मंदिर की विशेषता
यह मंदिर अपने विशाल शिवलिंग और धार्मिक मेला के लिए जाना जाता है। सावन महीने में यहां लगने वाले मेले में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल तक से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह भी कहा जाता है कि यहां किए गए जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का फल अनेक तीर्थों के बराबर होता है।
पहुंचने का रास्ता
अरेराज सोमेश्वर नाथ मंदिर, पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज प्रखंड में स्थित है।
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: निकटतम रेलवे स्टेशन मोतिहारी है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है।
- सड़क मार्ग: पटना से अरेराज की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है, जिसे आप सड़क मार्ग से आसानी से तय कर सकते हैं। मोतिहारी से अरेराज के लिए नियमित बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
- नजदीकी एयरपोर्ट: निकटतम एयरपोर्ट पटना है, जहां से सड़क मार्ग के जरिए अरेराज पहुंचा जा सकता है।