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हिंगलाज से राम मंदिर तक; पाकिस्तान में फैले हिंदू मंदिरों का इतिहास

कभी भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान में कई प्राचीन हिंदू मंदिर थे, जो या समय के साथ नष्ट हो गए या कट्टरपंथियों द्वारा तोड़ दिए गए। जानें कुछ ऐसे ही मंदिरों की सूची।

Image of Hinglaj Mata Temple

हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान(Photo Credit: Wikimedia Commons)

पाकिस्तान में कई प्राचीन और ऐतिहासिक हिंदू मंदिर हैं जो समय के साथ या तो नष्ट कर दिए गए हैं या कट्टरपंथियों के हमले का शिकार हो गए। इन मंदिरों का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है। बता दें कि पाकिस्तान, जो 1947 से पहले भारत का हिस्सा था, में कई हिंदू मंदिर स्थापित थे। बाबरी मस्जिद के बाद इस देश में 100 के करीब हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था। आइए, पाकिस्तान में स्थित कुछ प्रमुख हिंदू मंदिरों और उनके वर्तमान हालात पर एक नजर डालते हैं

हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान

हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के किनारे स्थित है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है और पाकिस्तान में हिंदुओं का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां हिंगलाज यात्रा में भाग लेते हैं।

 

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कटासराज मंदिर, पंजाब

पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित कटासराज मंदिर परिसर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि पांडवों ने अपने वनवास का एक हिस्सा यहां बिताया था। यहां स्थित तालाब को शिवजी के आंसुओं से बना माना जाता है।

गोरी मंदिर, नगरपारकर

सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित गोरी मंदिर एक जैन मंदिर है, जो 1375-76 ईस्वी में बनाया गया था। यह मंदिर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है और नगरपारकर के सांस्कृतिक परिदृश्य का हिस्सा है।

प्रह्लादपुरी मंदिर, मुल्तान

मुल्तान में स्थित यह मंदिर भगवान नरसिंह को समर्पित है। मान्यता है कि यहीं भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का वध किया था। यह स्थान होली उत्सव की उत्पत्ति से भी जुड़ा हुआ माना जाता है।

पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची

कराची के सोल्जर बाजार में स्थित यह मंदिर 1500 साल पुराना है और पंचमुखी हनुमान को समर्पित है। 2018 में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर की भूमि को पुनः प्राप्त किया गया।

शारदा पीठ, पीओके

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नीलम घाटी में स्थित यह मंदिर एक प्राचीन शिक्षा केंद्र था। 6वीं से 12वीं शताब्दी के बीच यह भारतीय उपमहाद्वीप के प्रमुख मंदिर विश्वविद्यालयों में से एक था।

रघुनाथ मंदिर, मीरपुर

पीओके के मीरपुर जिले में स्थित यह मंदिर अब मंगला डैम के जल में डूब चुका है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित था और मीरपुर शहर के साथ ही जलमग्न हो गया।

स्वामीनारायण मंदिर, कराची

कराची के एमए जिन्ना रोड पर स्थित यह मंदिर पाकिस्तान का एकमात्र स्वामीनारायण मंदिर है। यह मंदिर अपने आकार और स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है और स्थानीय हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

साधु बेला मंदिर, सुक्कुर

सिंध प्रांत के सुक्कुर में स्थित यह मंदिर इंद्रा नदी के एक द्वीप पर बना है। यह स्थान उडासी संप्रदाय से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। 

मरी इंडस मंदिर, पंजाब

पंजाब के मियांवाली जिले में स्थित मरी इंडस क्षेत्र में यह प्राचीन मंदिर है। यह स्थान कभी गांधार प्रदेश का हिस्सा था और यहां के मंदिर स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

 

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वरुण देव मंदिर, कराची

कराची के मनोरा द्वीप पर स्थित यह मंदिर समुद्र के देवता वरुण को समर्पित है। यह मंदिर सिंधी हिंदुओं के लिए विशेष महत्व रखता है और जल देवता झूलेलाल से भी जुड़ा हुआ है। ​

राम मंदिर, सैदपुर

इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में स्थित यह मंदिर 16वीं शताब्दी में राजा मानसिंह द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है और स्थानीय इतिहास में इसका विशेष स्थान है। ​

गोरखनाथ मंदिर, पेशावर

पेशावर के गोरखत्री क्षेत्र में स्थित यह मंदिर गुरु गोरखनाथ को समर्पित है। यह मंदिर 1851 में बनाया गया था और लंबे समय तक बंद रहने के बाद 2011 में इसे पुनः खोला गया।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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