हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक माना जाता है। 10 दिनों तक चलने वाला यह त्योहार हर साल 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक मनाया जाता है। यह त्योहार नागालैंड में कोहिमा के पास स्थित किसामा हेरिटेज विलेज में मनाया जाता है। यह महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि नागालैंड की पहचान, विरासत और विविध जनजातीय जीवनशैली का भव्य प्रदर्शन है। इसे राज्य में 'फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स' कहा जाता है, क्योंकि इसमें नागालैंड की सभी प्रमुख जनजातियां एक साथ अपने रीति-रिवाजों और लोक कलाओं को प्रस्तुत करती हैं।
हॉर्नबिल फेस्टिवल का नाम उस पवित्र पक्षी पर रखा गया है, जिसे नागा समुदाय साहस, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक मानता है। इस उत्सव के दौरान पारंपरिक नृत्य, लोक संगीत, रंगीन वेशभूषा, स्थानीय व्यंजन और पारंपरिक खेलों के जरिए सदियों पुरानी संस्कृति को जीवंत किया जाता है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस दौरान नागालैंड की जनजातीय जीवनशैली को नजदीक से देखने का अवसर पाते हैं।
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हॉर्नबिल फेस्टिवल क्या है?
हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड की सभी प्रमुख जनजातियों का संयुक्त सांस्कृतिक महोत्सव है। इसमें नागालैंड की 16 से ज्यादा जनजातियां अपनी-अपनी परंपराओं, नृत्य, संगीत, वेशभूषा, खान-पान और रीति-रिवाजों का प्रदर्शन करती हैं। यह त्योहार हर साल 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक मनाया जाता है।
यह कहां मनाया जाता है?
मुख्य आयोजन स्थल: किसामा हेरिटेज विलेज
स्थान: कोहिमा, नागालैंड की राजधानी के पास
किसामा गांव को खास तौर पर इस त्योहार के लिए विकसित किया गया है
हॉर्नबिल फेस्टिवल की मान्यता क्या है?
हॉर्नबिल पक्षी को नागा जनजातियों में पवित्र, शक्ति, साहस और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पारंपरिक नागा समाज में हॉर्नबिल के पंख और प्रतीक योद्धाओं, मुखियाओं और विशेष समारोहों में इस्तेमाल किए जाते थे। इसी सम्मान की वजह से इस उत्सव का नाम हॉर्नबिल फेस्टिवल रखा गया।
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यह त्योहार क्यों मनाया जाता है?
- हॉर्नबिल फेस्टिवल मनाने के मुख्य उद्देश्य-
- नागालैंड की जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करना,
- युवाओं को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ना,
- राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना,
- अलग-अलग जनजातियों के बीच एकता और भाईचारे को मजबूत करना,
- नागालैंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना।
हॉर्नबिल फेस्टिवल कैसे मनाया जाता है?
यह उत्सव बेहद रंग-बिरंगे और जीवंत अंदाज में मनाया जाता है-
लोक नृत्य और संगीत
- हर जनजाति अपने पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत करती है
- युद्ध नृत्य, फसल नृत्य और अनुष्ठानिक नृत्य प्रमुख आकर्षण होते हैं।
पारंपरिक वेशभूषा
लोग रंगीन कपड़े, सिर पर पारंपरिक हेडगियर और हाथ से बने आभूषण पहनते हैं
पारंपरिक खान-पान
- स्मोक्ड मीट
- बांस में पका खाना
- स्थानीय चावल से बनी शराब
- नागा पारंपरिक व्यंजन
पारंपरिक खेल
- तीरंदाजी
- कुश्ती
- लकड़ी काटने की प्रतियोगिता
पारंपरिक युद्ध खेल
- जनजातीय मोरुंग (Morung)
- हर जनजाति का अलग मोरुंग (पारंपरिक घर) बनाया जाता है
- यहां उनकी जीवनशैली, इतिहास और कला को दिखाया जाता है
हॉर्नबिल फेस्टिवल की खास विशेषताएं
- एक ही मंच पर पूरे नागालैंड की संस्कृति,
- जनजातीय विविधता का जीवंत प्रदर्शन,
- स्थानीय हस्तशिल्प और कला की प्रदर्शनी,
- संगीत, नृत्य और परंपरा का अनूठा संगम,
- देश-विदेश से पर्यटकों की भागीदारी।
हॉर्नबिल फेस्टिवल और पर्यटन
- यह उत्सव नागालैंड के लिए पर्यटन का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है,
- विदेशी पर्यटक भी इस दौरान नागालैंड की ओर आकर्षित होते हैं,
- होटल, होमस्टे और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।