किसी देश के संचालन में राजा, रानी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसा ही उपाधि देवी-देवताओं को भी प्राप्त हैं, जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे पद शामिल हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विशेष स्थान प्राप्त है और उन्हें देवताओं का मुख्यमंत्री कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे बुद्धि, ज्ञान, नीति और निर्णय के देवता माने जाते हैं। ऐसा इसलिए भी महत्वपूर्ण क्योंकि किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करना अनिवार्य माना जाता है। आइए जानते हैं, क्यों भगवान गणेश को कहा जाता है देवता के मुख्यमंत्री।
भगवान गणेश को मुख्यमंत्री क्यों कहा जाता है?
प्रथम पूज्य
हिंदू धर्म में यह परंपरा है कि किसी भी धार्मिक या शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है। यह उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है, जैसे एक राज्य में मुख्यमंत्री सरकार के निर्णयों को लागू करता है।
बुद्धि और विवेक के देवता
भगवान गणेश को बुद्धि, विवेक और चातुर्य का स्वामी माना जाता है। एक मुख्यमंत्री के लिए ये गुण अत्यंत आवश्यक होते हैं, क्योंकि वह राज्य की नीतियों को लागू करने और सुचारु रूप से प्रशासन चलाने में अहम भूमिका निभाता है।
समस्याओं का समाधानकर्ता
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी वे सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं। एक कुशल मुख्यमंत्री की भी यही जिम्मेदारी होती है कि वह राज्य की समस्याओं को हल करे और विकास की राह खोले।
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अन्य देवताओं की उपाधियां
देवताओं के राजा
भगवान शिव को देवताओं का राजा कहा जाता है, क्योंकि वे त्रिलोक के स्वामी हैं। वे संहारकर्ता और न्याय के प्रतीक हैं। एक राजा का कार्य भी न्याय करना और अपनी प्रजा का संरक्षण करना होता है। शिव जी में ये सभी गुण विद्यमान हैं।
देवताओं की रानी
माता पार्वती को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे सभी देवताओं की माता हैं और पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा उन्हीं से उत्पन्न होती है। एक रानी की तरह वे अपने पति और परिवार का सहारा होती हैं, जिससे राज्य सुचारु रूप से चलता है।
देवताओं के प्रधानमंत्री
भगवान विष्णु को नीति, प्रशासन और संचालन का देवता माना जाता है। वे संसार के पालनहार हैं और उनका कार्य न्याय और धर्म की स्थापना करना है। ठीक वैसे ही, जैसे किसी राज्य में प्रधानमंत्री नीतियां बनाकर शासन चलाता है।
देवताओं के सेनापति
भगवान कार्तिकेय, जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है, देवताओं की सेना के प्रमुख हैं। वे योद्धाओं के रक्षक हैं और युद्ध में देवताओं का नेतृत्व करते हैं। इसी कारण वे देवताओं के सेनापति कहलाते हैं।
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देवताओं के वित्त मंत्री
भगवान कुबेर को धन और समृद्धि का स्वामी माना जाता है। वे देवताओं के कोषाध्यक्ष भी हैं। एक वित्त मंत्री की तरह वे समस्त धन-संपत्ति का प्रबंधन करते हैं।
देवताओं की गृह मंत्री
देवी लक्ष्मी को समृद्धि, धन और सुख-शांति की देवी माना जाता है। गृह मंत्री का कार्य भी परिवार और राष्ट्र के अंदरूनी मामलों को संभालना होता है, जिससे समाज और राज्य में शांति बनी रहे।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।