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बाइबिल में नहीं है जिक्र फिर क्यों ईसाई धर्म में इतना महत्व रखता है क्रिसमस ट्री

ईसाई धर्म में क्रिसमस ट्री का विशेष महत्व बताया गया है लेकिन बाइबिल में इसका जिक्र नहीं है। आइए जानते हैं कैसे और कब से ईसाई धर्म में क्रिसमस ट्री इतना पवित्र माना जाने लगा।

christmas tree

क्रिसमस ट्री: Photo Credit: Social Media

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दुनियाभर में क्रिसमस सेलिब्रेशन की तैयारियां जोरों पर हैं। चर्चों से लेकर घरों तक हर जगह रोशनी और सजावट दिखाई दे रही है लेकिन इन सारी तैयारियों के बीच एक चीज ऐसी है जो क्रिसमस का सबसे बड़ा प्रतीक मानी जाती है, क्रिसमस ट्री। हर साल 25 दिसंबर को दुनिया के करोड़ों ईसाई अपने घरों में इस पेड़ को सजाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि बाइबिल में क्रिसमस ट्री का सीधा जिक्र तक नहीं है?

 

फिर सवाल उठता है कि आखिर यह पेड़ इतना पवित्र क्यों माना जाने लगा? इसकी शुरुआत कहां से हुई? दरअसल, क्रिसमस ट्री का इतिहास ईसाई धर्म से भी कई सदियों पुराना है। प्राचीन यूरोप की पगन सभ्यताएं कठोर सर्दियों में हमेशा हरे रहने वाले पेड़ों को जीवन, उम्मीद और बुराई से रक्षा का प्रतीक मानती थीं। यही परंपरा बाद में ईसाई संस्कृति में शामिल हुई और धीरे-धीरे यह पेड़ मसीह के ‘अनंत जीवन’ का संकेत बन गया।

 

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क्रिसमस ट्री की उत्पत्ति - पुरानी परंपराओं से आरंभ

आज का क्रिसमस ट्री परंपरा 16वीं–17वीं सदी के जर्मनी से शुरू हुआ माना जाता है। लगभग उसी समय से जर्मन परिवारों में सर्दियों के मौसम में ऐवर-ग्रीन (हमेशा हरा रहने वाला) फिर्स/पाइन झाड़ी को घर में लाकर सजाने की प्रथा शुरू हुई थी। 

 

उससे पहले, यूरोपीय क्षेत्रों विशेषकर पगान (कफी रीति-रिवाज रखने वाले) समाजों में  सर्दियों (विंटर सोल्सटिस, यानी सबसे लंबे अंधेरे समय) के दौरान हमेशा हरे पत्तों को घरों और मंदिरों में सजाने की परंपरा थी। ऐसा माना जाता था कि यह जिंदगी, पुनर्युत्थान और बुरे दिखाओं / बुरी शक्तियों से रक्षा का प्रतीक था। बाद में, जब ईसाई धर्म का प्रसार हुआ, तो इस पेड़ की सजावट की परंपरा धीरे-धीरे नए धार्मिक रूप लेती चली गई और क्रिसमस से जुड़ गई। 

क्रिसमस ट्री की सजावट में इस्तेमाल होने वाली चीजों का महत्व

स्टारी टॉप

  • यह उस चमकते ‘बेथलहम के तारे’ का प्रतीक है, जिसने तीन ज्ञानियों को यीशु के जन्मस्थान तक पहुंचाया था।
  • यह मार्गदर्शन, आस्था और प्रकाश का निशान माना जाता है।

लाइट्स

 

ईसा को ‘दुनिया का प्रकाश’ माना जाता है। ट्री पर लाइट्स लगाना प्रकाश, उम्मीद और अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।

 

रंग-बिरंगे बॉल्स 

 

ये मानव जीवन में खुशियों और आशीर्वादों का प्रतीक माने जाते हैं।

 

हर रंग का अपना अलग अर्थ है जैसे-

  • लाल: प्रेम और बलिदान
  • हरा: शांति और आशा
  • सुनहरा: समृद्धि
  • नीला: विश्वास

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बेल्स

 

घंटियां उत्सव और खुशी का संकेत हैं। ये बुराई को दूर करने और खुशियों को बुलाने का प्रतीक मानी जाती हैं।

 

कैंडी केन

  • इसका आकार ‘J’ जैसे होता है, जो Jesus (ईसा) के नाम का प्रतीक माना जाता है।
  • लाल और सफेद रंग बलिदान और पवित्रता दर्शाते हैं।

रिबन्स और बो

  • ये प्यार की डोर को दर्शाते हैं।
  • माना जाता है कि जैसे रिबन चीजों को जोड़ता है, वैसे ही क्रिसमस लोगों को जोड़ता है।

गार्लैंड्स

  • यह उत्साह और खुशी का प्रतीक है।
  • घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने की मान्यता है।

गिफ्ट्स 

  • यह उन कीमती उपहारों का प्रतीक है जो तीन ज्ञानियों ने यीशु को दिए थे।
  • साथ ही, उपहार देना प्यार और उदारता का संदेश भी देता है।

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