जल्द ही नया साल शुरू होने वाला है। 2025 खत्म हो रहा है और 2026 के स्वागत के लिए दुनिया तैयार है। देश के तमाम लोग एक-दूसरे को बधाई देने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कोई SMS भेजता है, कोई वीडियो मैसेज भेजता है तो कोई शेरो-शायरी के जरिए अपने दिल की बात कहता है। अगर आप भी शेरो-शायरी के जरिए लोगों को नए साल की बधाई देना चाहते हैं या फिर ग्रीटिंग कार्ड्स पर लिखने के लिए शेर ढूंढ रहे हैं तो हम आपका काम आसान कर दे हैं।
हमने 20 ऐसे शेयर ढूंढ निकाले हैं जिनके जरिए न सिर्फ आप अपने करीबी लोगों को नए साल की बधाई दे सकते हैं बल्कि अपने दोस्तों के बीच यह भी दिखा सकते हैं कि आप कितनी अच्छी शायरी पसंद करते हैं। हमने अहमद फ़राज़ से लेकर और साहिर लुधियानवी जैसी मशहूर शख्सियतों के शेर तो लिए ही हैं, हमने कुछ अज्ञात शायरों के शेर भी शामिल किए हैं जिनका इस्तेमाल नए साल की बधाई देने के लिए किया जा सकता है।
1. इशरत-ए-हाल-ए-नौ मुबारक हो
आप को साल-ए-नौ मुबारक हो
- जौन एलिया
2. मुंहदिम होता चला जाता है दिल साल-ब-साल
ऐसा लगता है गिरह अब के बरस टूटती है
-इफ्तिखार आरिफ
3. ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को
मुबारक मुबारक नया साल सब को
-मोहम्मद असदुल्लाह
4. करने को कुछ नहीं है नए साल में 'यशब'
क्यों ना किसी से तर्क-ए-मोहब्बत ही कीजिए
-यशब तमन्ना
5. इस गए साल बड़े ज़ुल्म हुए हैं मुझ पर
ऐ नए साल मसीहा की तरह मिल मुझ से
-सरफ़राज़ नवाज़
6. इक पल का क़ुर्ब एक बरस का फिर इंतिज़ार
आई है जनवरी तो दिसम्बर चला गया
रुख़्सार नाज़िमाबादी
7. अब के बार मिल के यूँ साल-ए-नौ मनाएँगे
रंजिशें भुला कर हम नफ़रतें मिटाएँगे
-अज्ञात
8. पिछ्ला बरस तो ख़ून रुला कर गुज़र गया
क्या गुल खिलाएगा ये नया साल दोस्तो
-फ़ारूक़ इंजीनियर
9. दुल्हन बनी हुई हैं राहें
जश्न मनाओ साल-ए-नौ के
-साहिर लुधियानवी
10. चेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतें
दीवार से पुराना कैलन्डर उतार दे
-ज़फ़र इक़बाल
11. गुज़िश्ता साल कोई मस्लहत रही होगी
गुज़िश्ता साल के सुख अब के साल दे मौला
-लियाक़त अली आसिम
12. नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दें
-अज्ञात
13. एक पत्ता शजर-ए-उम्र से लो और गिरा
लोग कहते हैं मुबारक हो नया साल तुम्हें
-अज्ञात
14. पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है
-अली सरदार जाफ़री
15. फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग
राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी
-अज़ीज़ नबील
16. न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है
-अहमद फ़राज़
17. तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई
-फ़ैज़ लुधियानवी
18. देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
19. आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे
-अहमद फ़राज़
20. इक साल गया इक साल नया है आने को
पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को
-इब्न-ए-इंशा