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1997 एशिया कप: खिताब से चूकी सचिन तेंदुलकर की टीम इंडिया

एशिया कप का छठा संस्करण 1997 में श्रीलंका की मेजबानी में खेला गया था। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली भारतीय टीम किसी तरह से फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी लेकिन वह खिताब नहीं जीत पाई।

Sachin Tendulkar ODI

सचिन तेंदुलकर। (File Photo Credit: ICC/X)

1997 एशिया कप में भारतीय टीम लगातार चौथे खिताब की तलाश में उतरी थी। टीम इंडिया लगातार तीन बार (1988, 1990-91, 1995) एशिया की चैंपियन बन चुकी थी और इस बार भी उसे खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन मेजबान श्रीलंका ने उसका सपना तोड़ दिया। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली भारतीय टीम को फाइनल में वर्ल्ड चैंपियन श्रीलंका ने एकतरफा अंदाज में 8 विकेट से रौंद दिया था।

रन रेट के आधार पर फाइनल में पहुंचा था भारत

टूर्नामेंट में भारतीय टीम की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही थी। उसे अपने पहले मैच में श्रीलंका के हाथों 6 विकेट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में टॉस गंवाकर पहले बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 227 रन का ही स्कोर खड़ा कर पाई, जिसे श्रीलंका ने 32 गेंद शेष रहते 4 खोकर आसानी से हासिल कर लिया। इसके बाद भारतीय टीम का अगला मुकाबला पाकिस्तान से था।

 

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कोलंबो के सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड पर सचिन तेंदुलकर ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। आसमान में बादल छाए हुए थे। ऐसे में भारतीय गेंदबाजों ने परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए 29 रन पर ही पाकिस्तान की आधी पारी समेट दी। वेंकटेश प्रसाद ने 5 ओवर में 4 विकेट झटक लिए थे। हालांकि खराब मौसम ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। बारिश और खराब रोशनी के कारण आगे खेल नहीं हो सका। अगले दिन भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुकाबला फिर से शुरू होना था लेकिन इस बार बारिश के चलते एक गेंद भी नहीं फेंका जा सका। दोनों टीमों को एक-एक पॉइंट से संतोष करना पड़ा।

 

पहले दो मैचों में एक भी जीत नहीं मिलने के कारण अब टीम इंडिया के ऊपर राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था। हालांकि सचिन तेंदुलकर ब्रिगेड ने आखिरी ग्रुप मुकाबले में बांग्लादेश को रौंदकर फाइनल का टिकट कटा लिया। भारतीय टीम ने 43 ओवर के मैच में बांग्लादेश को सिर्फ 130 रन पर रोका और फिर सौरव गांगुली की 52 गेंद में नाबाद 73 रन की पारी की तूफानी बदौलत 15 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर टारगेट हासिल कर लिया। इस बड़ी जीत से भारत (1.405) ने नेट रन रेट के मामले में पाकिस्तान (0.940) को पछाड़ा और खिताबी मुकाबले में जगह बना ली।

 

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फाइनल में नहीं चली भारत की बल्लेबाजी

आर प्रेमदासा स्टेडियम में 26 जुलाई को खेले गए फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 239 रन ही बना पाई। सचिन तेंदुलकर (67 गेंद में 53 रन) और मोहम्मद अजहरुद्दीन (102 गेंद में 81 रन) को छोड़कर कोई भारतीय बल्लेबाज नहीं चल सका। श्रीलंका की मजबूत बल्लेबाजी क्रम के सामने इतने रन को डिफेंड करना मुश्किल था। रही सही कसर सनत जयसूर्या ने पूरी कर दी।

 

बाएं हाथ के इस विध्वंसक सलामी बल्लेबाज ने 52 गेंद में 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से 63 रन की आतिशी पारी खेल भारत को मुकाबले से बाहर कर दिया। दूसरे ओपनर मर्वन अटापट्टू ने 101 गेंद में नाबाद 84 रन की संयमित पारी खेली और कप्तान अर्जुन राणातुंगा के साथ मिलकर श्रीलंका को 79 गेंद शेष रहते 8 विकेट से आसान जीत दिलाई। राणातुंगा ने 66 गेंद में नाबाद 62 रन जड़े, जिसमें 5 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। श्रीलंका ने भारत के दबदबे को खत्म करते हुए दूसरी बार एशिया कप का खिताब जीता।

 

फाइनल में भारत की प्लेइंग-XI: सौरव गांगुली, नवजोत सिंह सिद्धू, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर (कप्तान), मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, रॉबिन सिंह, अनिल कुंबले, सबा करीम (विकेटकीपर), नीलेश कुलकर्णी, वेंकटेश प्रसाद

1997 एशिया कप के नतीजे

  • पहला मैच: श्रीलंका ने पाकिस्तान को 15 रन से हराया
  • दूसरा मैच: पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 109 रन से हराया
  • तीसरा मैच: श्रीलंका ने भारत को 6 विकेट से हराया
  • चौथा मैच: बारिश के कारण भारत और पाकिस्तान का मुकाबला रद्द
  • पांचवां मैच: श्रीलंका ने बांग्लादेश को 103 रन से हराया
  • छठा मैच: भारत ने बांग्लादेश को 9 विकेट से हराया
  • फाइनल: श्रीलंका ने भारत को 8 विकेट से हराया

एशिया कप के इन संस्करणों में चैंपयिन बना है भारत

  • 1984
  • 1988
  • 1990/91
  • 1995
  • 2010
  • 2016
  • 2018
  • 2023

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