पाकिस्तान ने पहली बार एशिया कप का खिताब साल 2000 में जीता था। मोईन खान की कप्तानी वाली पाक टीम ने फाइनल में श्रीलंका को हराया था।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोईन खान। (Photo Credit: ICC/X)
एशिया कप का सातवां संस्करण साल 2000 में बांग्लादेश में आयोजित हुआ था। बांग्लादेश दूसरी बार एशिया कप की मेजबानी कर रहा था और इस बार भी सारे मैच ढाका में ही खेले गए। टूर्नामेंट में मेजबान टीम के अलावा भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें उतरी थीं। पिछले संस्करण की चैंपियन श्रीलंका ने फाइनल में जगह बनाई लेकिन वह अपने टाइटल को डिफेंड नहीं कर पाई। मोईन खान की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम ने उसे फाइनल मुकाबले में 39 रन से हराकर पहली बार एशिया कप का खिताब जीता।
गांगुली की कप्तानी में पिट गई थी टीम इंडिया
भारतीय टीम ने अपने पहले मैच में कप्तान सौरव गांगुली (135*) की नाबाद शतकीय पारी की बदौलत बांग्लादेश को 8 विकेट से हराकर जरबदस्त शुरुआत की लेकिन इसके बाद उसे लगातार दो मैचों में करारी हार का सामना करना पड़ा। राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में विजयी आगाज करने के बाद भारतीय टीम का मुकाबला श्रीलंका से हुआ। कप्तान सनत जयसूर्या (105) की सेंचुरी की मदद से श्रीलंकाई टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 276 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में भारत की पूरी टीम 45 ओवर में 205 रन पर ही सिमट गई। सचिन तेंदुलकर ने 95 गेंद में 93 रन बनाए लेकिन उन्हें बाकी बल्लेबाजों का साथ नहीं मिला। टीम इंडिया को 71 रन से बड़ी हार झेलनी पड़ी।
श्रीलंका से हार के बाद भारतीय टीम अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में पाकिस्तान का सामना करने उतरी। यह सौरव गांगुली एंड कंपनी के लिए करो या मरो वाला मैच था। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया और बोर्ड पर 295 रन टांग दिए। मोहम्मद यूसुफ ने नाबाद 100 रन बनाए। बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम ने 74 रन के स्कोर तक सचिन (25), गांगुली (8), राहुल द्रविड़ (26) और मोहम्मद अजहरुद्दीन (1) जैसे बड़े बल्लेबाजों के विकेट खो दिए।
इसके बाद अजय जडेजा ने 103 गेंद में 8 चौके और 4 छक्के की मदद से 93 रन की फाइटिंग पारी खेली मगर वह अकेले पड़ गए। दूसरे छोर से उन्हें साथ नहीं मिला। टीम इंडिया 47.4 ओवर में 251 रन पर ही सिमट गई। 44 रन से इस हार के साथ भारतीय टीम की टूर्नामेंट से विदाई भी तय हो गई।
पाकिस्तान ने फाइनल में भी टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया और 4 विकेट के नुकसान पर 277 रन बना दिए। सईद अनवर ने 115 गेंद में 82 रन की संयमित पारी खेली। वहीं इंजमाम उल हक ने 66 गेंद में नाबाद 72 और मोईन खान ने 31 गेंद में नाबाद 56 रन ठोके। बाकी का काम वसीम अकरम की अगुवाई वाली गेंदबाजी युनिट ने पूरी की। पाकिस्तानी गेंदबाजों ने श्रीलंका को 238 रन पर समेट अपनी टीम को ट्रॉफी दिला दी। श्रीलंका की ओर से मर्वन अटापट्टू (100) ने शतक जड़ा लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ। पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले मोहम्मद यूसुफ प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए।