• NEW DELHI 23 Aug 2025, (अपडेटेड 23 Aug 2025, 6:09 AM IST)
एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी। भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में खिताब जीता था। सुरिंदर खन्ना सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
पहले एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक मैच में जीत के बाद खुश रवि शास्त्री। (Photo Credit: ICC/X)
एशिया कप 2025 की शुरुआत कुछ ही दिनों में होने वाली है। इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टीम इंडिया खिताब जीतने के इरादे से उतर रही है। इस बार एशिया कप का आयोजन टी20 फॉर्मेट में हो रहा है। पिछली बार (2022 में) जब टी20 फॉर्मट में एशिया कप खेला गया था तब श्रीलंका की टीम चैंपियन बनी थी।
एशिया कप ICC टूर्नामेंट के बाद सबसे लोकप्रिय मल्टी-नेशन इवेंट है, जिसके लिए भारत ने अपनी फुल स्ट्रेंथ टीम चुनी है। शुभमन गिल और जसप्रीत बुमराह जैसे सुरपस्टार टी20 टीम में लौट आए हैं। भारतीय टीम 10 सितंबर को अपने अभियान की शुरुआत करेगी। टीम इंडिया को पाकिस्तान, UAE और ओमान के साथ ग्रुप-A में रखा गया है। दुबई और अबू धाबी में आयोजित हो रहे एशिया कप 2025 में कुल 8 टीमें भाग लेंगी।
पहले एशिया कप में खेली थीं 3 टीमें
एशिया कप के शुरू होने की कहानी बेहद दिलचस्प है। 1983 वर्ल्ड कप फाइनल के लिए लॉर्ड्स का पास नहीं मिलने पर बीसीसीआई अध्यक्ष एनकेपी साल्वे ने एक कसम खाई। उन्होंने ठान लिया कि वह वर्ल्ड कप को इंग्लैंड से बाहर निकाल कर रहेंगे। पिछले तीनों वर्ल्ड कप इंग्लैंड में ही हुए थे।
साल्वे, राजीव गांधी की सरकार में मंत्री भी थे। उन्होंने अपने कद का बेहतर उपयोग करते हुए पाकिस्तान और श्रीलंका को एक मंच पर लाया। इसके बाद एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का गठन हुआ। 1987 वर्ल्ड कप को एशिया में लाने के लिए एक ट्रायल टूर्नामेंट की जरूरत थी, जिसे देखते हुए एशिया कप की शुरुआत की गई। पहला एशिया कप 1984 में 6 अप्रैल से 13 अप्रैल तक शारजाह में खेला गया, जिसमें भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान ने हिस्सा लिया।
टीम इंडिया को अपनी कप्तानी में वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कपिल देव एशिया कप के शुरुआती संस्करण में नहीं खेले। भारतीय टीम की कमान सुनील गावस्कर के हाथों में थी। उनकी अगुवाई में भारत ने पहले श्रीलंका और फिर पाकिस्तान को हराकर खिताब पर कब्जा किया। उस एशिया कप में तीनों टीमों ने एक-दूसरे से एक-एक मैच खेला। भारत अपने दोनों मुकाबले जीतकर चैंपियन बना।
टूर्नामेंट का पहला मैच श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच हुआ। दलीप मेंडिस की कप्तानी वाली श्रीलंकाई टीम ने 46 ओवर के मैच में पाकिस्तान को 187 रन पर रोकने के बाद 15 गेंद शेष रहते 5 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
इसके बाद श्रीलंका की भिड़ंत भारत से हुई। मदन लाल, चेतन शर्मा और मनोज प्रभाकर की तिकड़ी ने श्रीलंका को महज 96 रन पर ढेर कर दिया। तीनों तेज गेंदबाजों ने आपस में 8 विकेट बांटे। भारत ने छोटे टारगेट को बगैर किसी नुकसान के हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की। विकेटकीपर बल्लेबाज और ओपनर सुरिंदर खन्ना (नाबाद 51) ने अर्धशतकीय पारी खेली। वहीं गुलाम पारकर 32 रन बनाकर नाबाद लौटे।
एशिया कप ट्रॉफी के साथ सुनील गावस्कर। (Photo Credit: ICC/X)
भारत ने पाकिस्तान को 54 रन से धोया
श्रीलंका को रौंदने के बाद भारतीय टीम की टक्कर टूर्नामेंट के अंतिम और निर्णायक मुकाबले में पाकिस्तान से हुई। भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 46 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 184 रन बनाए। सुरिंदर खन्ना (56) ने एक बार फिर अर्धशतक जड़ा। संदीप पाटील ने नाबाद 43 जबकि कप्तान सुनील गावस्कर ने नाबाद 36 रन का योगदान दिया। उस समय वनडे क्रिकेट में 200 के आस-पास का स्कोर चुनौतीपूर्ण रहता था। तिस पर से यहां मुकाबला 46 ओवर का ही था। जहीर अब्बास की कप्तानी वाली पाक टीम के लिए रन चेज आसान नहीं रहने वाला था।
मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री ने घातक गेंदबाजी ने पाकिस्तान की राहें और मुश्किल कर दी। रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री ने 3-3 विकेट झटक पाकिस्तान को 154 रन पर ढेर कर दिया। पाकिस्तान के 4 खिलाड़ी रन आउट हुए थे। भारत ने 54 रन से यह मुकाबला जीत एशिया कप का पहला चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। सुरिंदर खन्ना ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 107 रन बनाए। रवि शास्त्री विकेट झटकने के मामले में सबसे आगे रहे। उन्होंने 2 मैचों में 4 विकेट अपने नाम किए।