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क्या है मोहन बागान फुटबॉल क्लब के बनने की कहानी? समझिए कैसे हुई थी शुरुआत

देश के सबसे चर्चित फुटबॉल क्लब में से एक मोहन बागान की शुरुआत 100 साल से भी पहले हो गई थी। अब यह क्लब पेशेवर फुटबॉल में भी उतर गया है और वहां भी झंडे गाड़ रहा है।

Mohan Bagan Football Club

मोहन बागान फुटबॉल क्लब, Image Credit: Mohan Bagan Club Social Media

हर पगडंडी और हर गली में क्रिकेट खेलने वाले भारत के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां फुटबॉल मशहूर है। वहां क्रिकेट खेला तो जाता है लेकिन उनका क्रेज फुटबाल के लिए वैसा ही है जैसा देश के ज्यादातर हिस्सों में क्रिकेट के लिए है। इसी फुटबॉल को लंबे समय से और समृद्ध करते आ रहे एक क्लब का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। आज हम जिसे मोहन बागान क्लब के नाम से जानते हैं, उसकी नींव उसी समय पड़ गई थी जब भारत अपनी आजादी के लिए लड़ रहा था। अब इसे देश के सबसे पुराने फुटबॉल क्लब में गिना जाता है और हर साल इस क्लब की टीम बड़े कारनामे करती भी रहती है।

 

मोहन बागान स्पोर्टिंग क्लब नाम से शुरू हुए इस क्लब की शुरुआत भूपेंद्रनाथ बसु, ज्योतिंद्र नाथ बसु, महाराजा दुर्गा चरण लाहा और महाराजा राजेंद्र भूप बहादुर जैसे दर्जनों लोगों ने मिलकर की थी। इसकी पहली मीटिंग उत्तरी कोलकाता में स्थित भूपेंद्रनाथ बसु के घर यानी 14, बलराम घोष स्ट्रीट पर हुई। 15 अगस्त 1889 को इस क्लब की नींव पड़ी और रोचक बात है कि आगे चलकर यानी ठीक 58 साल के बाद इसी दिन देश को आजादी भी मिली। मशहूर मार्बल पैलेस के अंदर स्थित मोहन बागान विला में इसका पहला मैदान था और यहीं से इसको अपना नाम भी मिला। हालांकि, यह मैदान फुटबॉल के लिहाज से छोटा था। 

 

जब मोहन बागान क्लब ने रचा इतिहास

 

धीरे-धीरे क्लब को एक साल पूरे हुए तो इसके नाम में एक बदलाव किया गया और इसका नाम मोहन बागान एथलेटिक क्लब रख दिया गया। समय के साथ कई बदलाव हुए और क्लब आगे बढ़ता रहा। साल 1893 में इस क्लब ने अपना पहले टूर्नामेंट कूचबिहार कप करवाया। साल 1905 में खुद मोहन बागाना ने कूचबिहार कप और ग्लैडस्टोन कप जीते। साल 1911 में मोहन बागान की टीम ने IFA शील्ड जीतकर इतिहास रच दिया क्योंकि वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय टीम थी। यह जीत 29 जुलाई को मिली थी जिसके चहते इसी दिन हर साला मोहन बागान दिवस मनाया जाता है।

 

मौजूदा समय में मोहन बागान क्लब भारत में होने वाली कई लीग में भी हिस्सा लेता है और अब यह पेशेवर भी हो गया है। आरपी संजीव गोयनका ग्रुप ने मोहन बागान एथलेटिक क्लब की ज्यादातर हिस्सेदारी खरीद ली है और अब यह इंडियन सुपर लीग में मोहन बागान सुपर जाएंट्स नाम से भी खेलती नजर आती है। इस साल मोहन बागान ने ही ISL का शील्ड खिताब भी जीता था।

 

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