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चैंपियंस ट्रॉफी 2013: धोनी के धुरंधरों ने रचा इतिहास

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का फाइनल बारिश के कारण 20-20 ओवर का खेला गया था। टीम इंडिया ने 129 रन बनाने के बावजूद इंग्लैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया था।

Champions Trophy 2013

2013 चैंपियंस ट्रॉफी खिताब के साथ जश्न मनाते भारतीय खिलाड़ी। (Photo Credit: ICC/X)

साल 2013 का जून महीना। इंग्लैंड की मेजबानी में खेले जा रहे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया ने अजेय रहते हुए फाइनल में पहुंची। खिताबी मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम की टक्कर इंग्लैंड से ही होनी थी। भारत उस समय आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक वनडे टीम था और उसे खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। मगर बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम में हुए फाइनल में पहली पारी की समाप्ति के बाद टीम इंडिया के खिताब जीतने की उम्मीदें उतनी ही थी, जितनी आज कल किसी बॉलीवुड फिल्म के हिट होने की होती है। 

 

दरअसल, बारिश के कारण मुकाबला 20-20 ओवर का हो रहा था और भारतीय टीम बोर्ड पर 129 रन ही लगा सकी थी। टी20 के जमाने में इस स्कोर को डिफेंड करना बेहद मुश्किल था। अब बारिश ही टीम इंडिया को हार से बचा सकती थी। हालांकि धोनी के इरादे कुछ और ही थे। पारी ब्रेक के दौरान उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों से कहा, 'ऊपर मत देखे, भगवान हमें बचाने नहीं आ रहे। हमें लड़ना होगा। हम नंबर 1 टीम हैं और उसी तरह से खेलेंगे।' कप्तान की इस बात ने टीम में जान फूंक दी। 

 

ईशांत ने पलटी बाजी

 

टारगेट का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम को 1-1 रन के लिए संघर्ष करना पड़ा। भारतीय गेंदबाजों ने 46 रन के स्कोर पर ही उनके टॉप-4 बल्लेबाजों को निपटा दिया। इसके बाद इयोन मोर्गन और रवि बोपारा ने अर्धशतकीय साझेदारी कर मेजबान टीम की वापसी करवाई। अब उन्हें 18 गेंद में 28 रन की जरूरत थी। इस सिचुएशन में धोनी ने ईशांत शर्मा को गेंद थमाई, जो अब तक 3 ओवर में 27 रन दे चुके थे। ईशांत ने 18वें ओवर की पहली गेंद डॉट निकाली लेकिन अगली ही गेंद पर मोर्गन ने छक्का जड़ दिया। इसके बाद ईशांत ने वाइड यॉर्कर डालने के प्रयास में दो अतिरिक्त रन दे दिए। 

 

इंग्लैंड को यहां से पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए 16 गेंद में 20 रन बनाने थे और क्रीज पर दो सेट बल्लेबाज खड़े थे लेकिन ईशांत ने अगली दो गेंदों पर मोर्गन और बोपारा का विकेट झटक उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। रवींद्र जडेजा ने अगले ओवर में जोस बटलर और टिम ब्रेसनन को चलता कर रही सही कसर पूरी कर दी। आर अश्विन ने आखिरी ओवर में 14 रन डिफेंड कर भारत को चैंपियन बना दिया। 25 गेंद में 2 चौके और 2 छक्के की मदद से नाबाद 33 रन बनाने के अलावा किफायती गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट झटकने वाले रवींद्र जडेजा फाइनल में प्लेयर द मैच रहे। वहीं शिखर धवन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के अवॉर्ड से नवाजा गया। धवन ने 5 मैचों में 90 से ज्यादा की औसत से 363 रन बनाए थे। इस दौरान उनके बल्ले से दो शतक और एक अर्धशतक निकला। 


भारत का ऐसा रहा सफर

 

टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 26 रन से हराकर टूर्नामेंट का धांसू आगाज किया। इसके बाद अगले मैच में वेस्टइंडीज को 8 विकेट से रौंदा। भारत का आखिरी ग्रुप मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से था। गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 165 रन पर ढेर करने के बाद डीएलएस मेथड से 8 विकेट से जीत दर्ज की। चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में पाकिस्तान के खिलाफ यह भारत की पहली जीत रही।

 

सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने श्रीलंका को 8 विकेट से पटखनी देकर फाइनल में प्रवेश किया, जहां उसने इंग्लैंड को रोमांचक मुकाबले में 5 रन से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। जडेजा ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 12 विकेट झटके। उन्हें गोल्डन बॉल का अवॉर्ड मिला। टॉप रन स्कोरर धवन ने गोल्ड बैट जीता। 

 

 

चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में इन टीमों ने लिया हिस्सा

  1. भारत
  2. इंग्लैंड
  3. श्रीलंका
  4. साउथ अफ्रीका
  5. वेस्टइंडीज
  6. न्यूजीलैंड
  7. ऑस्ट्रेलिया
  8. पाकिस्तान

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