जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में टीम इंडिया ने पर्थ में इतिहास रच दिया है। सोमवार (25 नवंबर) को भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी सबसे बड़ी टेस्ट जीत हासिल की। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत खेली जा रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में कंगारू टीम 534 रन के असंभव से टारगेट का पीछा करते हुए 238 रन पर ढेर हो गई। टीम इंडिया ने यह मुकाबला 295 रन से अपने नाम किया, जो ऑस्ट्रेलिया में रनों के लिहाज से उसकी सबसे बड़ी टेस्ट जीत है।
कप्तान बुमराह ने लिखी जीत की कहानी
रेगुलर कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में इस मैच में टीम इंडिया की अगुवाई कर रहे जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। उनका यह निर्णय उस समय गलत साबित होता हुआ दिखा, जब भारतीय टीम अपनी पहली पारी में महज 150 रन पर ढेर हो गई। हालांकि बुमराह ने अपनी धारदार गेंदबाजी से पहले दिन का खेल खत्म होते-होते टीम इंडिया की धमाकेदार वापसी करवा दी। स्टंप्स तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 67/7 था, जिसमें से भारतीय कप्तान ने 4 विकेट झटके थे।
दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के लोअर ऑर्डर को जल्दी निपटाकर भारत ने 46 रन की अहम बढ़त हासिल की। बुमराह ने सबसे ज्यादा 5, जबकि डेब्यूटंट हर्षित राणा ने 3 और मोहम्मद सिराज ने 2 विकेट झटके। इसके बाद दिन के अंत तक केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की ओपनिंग जोड़ी ने नाबाद 172 रन की साझेदारी कर मुकाबला भारत की मुट्ठी में कर दिया। राहुल 62 और यशस्वी 90 रन पर नाबाद लौटे।
तीसरे दिन की सुबह इस सलामी जोड़ी ने दोहरी शतकीय साझेदारी पूरी की। इससे पहले यशस्वी ने यादगार शतक जड़ा। राहुल (77) के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन देवदत्त पडिक्कल ने यशस्वी का अच्छा साथ देते हुए लंच तक भारत को कोई और नुकसान नहीं होने दिया। लंच के बाद पहली ही गेंद पर पडिक्कल (25) पवेलियन लौटे। कुछ देर बाद यशस्वी (161), ऋषभ पंत (1) और ध्रुव जुरेल (1) भी आउट हो गए।
हालांकि एक छोर पर विराट कोहली टिके हुए थे। उन्होंने पहले वॉशिंगटन सुंदर (29) और फिर नीतीश कुमार रेड्डी (27 गेंद में नाबाद 38) के साथ मिलकर भारत की बढ़त को 500 के पार पहुंचाया। कोहली ने जैसे ही अपने टेस्ट करियर का 30वां शतक पूरा किया, बुमराह ने पारी घोषित कर दी। इस समय भारत का स्कोर 487/6 था। तीसरे दिन का खेल खत्म होने से पहले भारत ने ऑस्ट्रेलिया के 3 विकेट चटकाकर मेजबानों को बड़ी हार की ओर धकेल दिया।
हेड का काउंटर अटैक
चौथे दिन मोहम्मद सिराज ने उस्मान ख्वाजा को आउट कर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 17/4 कर दिया। इसके बाद स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने 62 रन की साझेदारी की। सिराज ने एक बेहतरीन गेंद पर स्मिथ (17) को आउट कर इस पार्टरनशिप पर ब्रेक लगाया। हेड को मिचेल मार्श के रूप में एक और बढ़िया जोड़ीदार मिला। दोनों ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 150 के पार ले गए। हेड आसानी से रन बटोर रहे थे। ऐसे में बुमराह ने गेंदबाजी आक्रमण पर वापसी की और उनका विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की वापसी की उम्मीदों को खत्म कर दिया। हेड 101 गेंद में 89 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
इसके बाद बस औपचारिकताएं ही शेष थीं। लोक ब्वॉय मार्श (47) को चलता कर नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट हासिल किया। वहीं सुंदर ने मिचेल स्टार्क और नाथन लायन का शिकार किया। हर्षित राणा ने एलेक्स कैरी (36) को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलियाई पारी खत्म की। बुमराह एक बार फिर भारत के सबसे गेंदबाज रहे। उन्होंने 42 रन देकर 3 विकेट झटके। सिराज को भी 3 सफलता मिली। मैच में कुल 8 विकेट चटकाने के लिए बुमराह को प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।
पर्थ के नए स्टेडियम में पहली बार टेस्ट मैच हारे कंगारू
पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली बार टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले उन्होंने यहां अब तक खेले सभी 4 मैचों में जीत हासिल की थी। इस मैदान पर साल 2018 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही पहला टेस्ट मैच खेला गया था, जिसमें मेजबानों ने 146 रन से बाजी मारी थी।