बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह भारतीय गेंदबाजी युनिट की अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं। उन्हें दूसरे छोर से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। ब्रिस्बेन के गाबा में मैदान में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की पहली के दौरान बुमराह ने 28 ओवर में 2.61 की इकॉनमी से 76 रन देकर 6 विकेट झटके। वहीं बाकी गेंदबाजों ने 3.88 इकॉनमी से 257 रन दे दिए और सिर्फ 4 विकेट आपस में बांटे। जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम 445 रन तक पहुंचने में कामयाब रही। एडिलेड में भी ये देखा गया था कि बुमराह एक छोर से दबाव बना रहे थे लेकिन अन्य भारतीय गेंदबाज उसे बरकरार नहीं रख पा रहे थे।
बदलाव के दौर से गुजर रही है टीम
बुमराह ने बॉलिंग युनिट का बचाव करते हुए कहा, 'हमारी टीम बदलाव से गुजर रही है। नए खिलाड़ी आए हैं औरउनके लिए ऑस्ट्रेलिया में खेलना काफी मुश्किल है। इसलिए मैं सभी की मदद करने की कोशिशि कर रहा हूं, ताकि वो सीखकर बेहतर हो सकें।' बुमराह ने आगे कहा, 'फिलहाल हम बैटिंग के बार में सोच रहे हैं। एक अच्छी साझेदारी की जरूरत थी लेकिन लगातार बारिश के कारण जो रुकावट आई उससे हम फ्रस्ट्रेट हुए। हालांकि मौसम से नहीं लड़ा जा सकता है। इसलिए हमारी कोशिश है कि जितनी देर हो सके हम बल्लेबाजी करें।'
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के जवाब में बारिश से प्रभावित तीसरे दिन (सोमवार) की समाप्ति तक भारत ने 51 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे। केएल राहुल (33) और रोहित शर्मा (0) क्रीज पर हैं। कंगारू टीम के स्कोर से भारत 394 रन पीछे है। टीम इंडिया चाहेगी कि राहुल और रोहित लंबे समय तक टिके रहें।
सिराज ने जज्बा दिखाया
तेज मोहम्मद सिराज दूसरे दिन चोट से चूझते दिखे थे। इसके बावजूद उन्होंने गेंदबाजी जारी रखी। प्रेस कॉन्फ्रेस में बुमराह ने उन्हें जज्बे वाला खिलाड़ी बताया। बुमराह ने सिराज को लेकर कहा, 'यहां आने से पहले बॉलिंग को लेकर सिराज से मेरी बातचीत हुई थी। वह पर्थ (पहले टेस्ट) और फिर पिछले मैच में बहुत अच्छी स्थिति में था। वह अच्छी गेंदबाजी कर रहा है और उसने कुछ विकेट भी लिए हैं। इस मैच में भी उसे श्रेय देना चाहूंगा क्योंकि उसने दर्द में होने के बावजूद गेंदबाजी रखी क्योंकि उसे पता है कि वह अगर ड्रेसिंग रूम में चला गया और गेंदबाजी नहीं की तो इससे टीम की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। उसके पास जज्बा है और वह संघर्ष करना पसंद करता है।'