लीड्स टेस्ट का पहला दिन (20 जून) भारत के नाम रहा था। भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लिश बल्लेबाजों को विकेट के लिए तरसाए रखा और स्टंप्स तक बोर्ड पर 359 रन टांग दिए। मगर मुकाबले के दूसरे दिन भारतीय टीम अपना दबदबा नहीं बरकरार रख सकी और 41 रन बनाने में आखिरी 7 विकेट गंवा दिए। भारत की पहली पारी 471 रन पर सिमटी।
अब गेंदबाजों के ऊपर जिम्मेदारी थी कि वे इंग्लैंड को छोटे स्कोर पर रोकें। जसप्रीत बुमराह ने पहले ही ओवर में इंग्लिश ओपनर जैक क्रॉली का विकेट चटकाकर शानदार शुरुआत दिलाई, जिसकी भारत को सख्त जरूरत थी। उन्होंने नई गेंद का जबरदस्त फायदा उठाया और अंग्रेजों के नाक में दम कर रखा था लेकिन उन्हें फील्डर्स का साथ नहीं मिला।
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बुमराह की गेंद पर छूटे 3 कैच
जसप्रीत बुमराह ने जैक क्रॉली का विकेट लेने के बाद दूसरे ओपनर बेन डकेट को खासा तंग किया। उन्होंने अपने शुरुआती स्पेल में दो मौके बनाए मगर दोनों बार डकेट बच गए। पांचवें ओवर में गली में यशस्वी जायसवाल के पास मुश्किल मौका था लेकिन वह इसे भुना पाए। वहीं रवींद्र जडेजा ने सातवें ओवर में बैकवर्ड प्वाइंट पर डकेट का आसान कैच टपका दिया। डकेट इस समय 15 रन के निजी स्कोर पर थे। उन्होंने इस जीवनदान का फायदा उठाकर 62 रन की पारी खेली।
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टीम इंडिया को भारी पड़ेगी खराब फील्डिंग?
लंच के बाद बुमराह ने ही उनकी पारी पर ब्रेक लगाई। अगले ओवर में बुमराह को ओली पोप का भी विकेट मिल जाता लेकिन एक बार फिर यशस्वी जायसवाल ने निराश किया। यशस्वी के पास इस बार मौका उतना मुश्किल नहीं था। वाइड स्लिप में उन्होंने दाईं ओर डाइव लगाई थी। गेंद उनके हाथ में आ भी गई थी लेकिन अंत में छिटक गई। बुमराह एक बार फिर माथा पकड़कर रह गए। अगर भारत ने इन मौकों को भुनाया होता तो मैच की स्थिति कुछ और हो सकती थी।
इंग्लैंड की टीम भारत के स्कोर (471 रन) की ओर मजबूती से बढ़ रही है। अगर मेजबान टीम बढ़त हासिल कर लेती है तो टीम इंडिया के लिए यह मैच बचाना मुश्किल हो जाएगा।