भारतीय टीम ने मंगलवार (24 जून) को लीड्स टेस्ट गंवा दिया। टीम इंडिया ने लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में इंग्लैंड के सामने 371 रन का टारगेट रखा था, जिसे मेजबान टीम ने 5 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया। इंग्लैंड की ओर से बेन डकेट ने 149 रन की पारी खेली। जैक क्रॉली (65) और जो रूट ( नाबद 53) ने अर्धशतक जड़े।
भारत ने इस मैच में ज्यादातर समय अच्छी पकड़ बनाई हुई थी लेकिन आखिरी दिन टीम बिखरी-बिखरी सी नजर आई और इंग्लैंड पर दबाव बनाने में नाकाम रही। आइए इस करारी में हुई 5 बड़ी गलतियों पर नजर डालते हैं।
खराब रही फील्डिंग
लीड्स टेस्ट में भारतीय टीम की फील्डिंग बेहद खराब रही। यशस्वी जायसवाल ने इस मुकाबले में अकेले 4 कैच टपकाए। विकेटकीपर ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने भी इंग्लिश बल्लेबाजों को जीवनदान दिया। कुछ मिसफील्ड से भी आसान रन गए। इस मैच में भारत की हार की सबसे बड़ी वजह फील्डिंग रही। अगर हाथ आए मौकों को भारतीय फील्डर्स भुनाने में सफल रहते तो मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था।
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लोअर ऑर्डर ने इंग्लैंड को दिया मौका
पहले टेस्ट मैच में भारत का लोअर ऑर्डर बुरी तरह फेल रहा। पहली पारी में भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों ने सिर्फ 16 रन का योगदान दिया। दूसरी पारी में भी लोअर ऑर्डर ने निराश किया। इस बार टेलेंडर्स ने सिर्फ 29 रन जोड़े। भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबले में यह बड़ा अंतर साबित हुआ।
प्रसिद्ध कृष्णा ने लुटाए रन
तीसरे सीमर के रूप में प्लेइंग-XI में शामिल किए गए प्रसिद्ध कृष्णा ने दोनों पारियों में जमकर रन लुटाए। उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान 20 ओवर में 128 रन खर्च दिए। वहीं टारगेट डिफेंड करते हुए प्रसिद्ध ने 15 ओवर में 92 रन दिए। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने मुकाबले में 5 विकेट जरूर लिए लेकिन वह रन गति पर लगाम नहीं लगा सके, जिससे बाकी गेंदबाजों पर भी दबाव आया।
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दोनों पारियों में ढह गई टीम इंडिया
भारतीय टीम ने पहली पारी में 3 विकेट के नुकसान पर 430 रन बना लिए थे। वह आसानी से 600 के करीब जाती दिख रही थी लेकिन अचानक भारतीय बिखर गई। भारत ने आखिरी 7 विकेट 41 रन बनाने में गंवा दिए, जिससे इंग्लैंड को वापसी का मौका मिल गया। दूसरी पारी में भी यही हाल रहा। टीम इंडिया 4 विकेट के नुकसान पर 333 रन बना चुकी थी। उसके पास 339 रन की बढ़त थी और लग रहा था कि वह अंग्रेजों के सामने 400 प्लस टारगेट रखेगी तभी 'तू चल, मैं आया' वाली कहानी शुरू हो गई। भारत ने आखिरी 6 विकेट 31 रन जोड़कर खो दिए।
ऑलराउंडर्स ने दिया धोखा
रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर इस मैच को जल्दी भुलाना चाहेंगे। दोनों ही गेंद और बल्ले से अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। टीम के सबसे सीनियर मेंबर जडेजा ने सिर्फ 36 रन (11, 25*) बनाए और एक विकेट चटकाया। वहीं शार्दुल ने महज 5 रन (1, 4) का योगदान दिया और उन्होंने 2 विकेट हासिल किया।