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IND vs ENG: सीरीज दांव पर, टीम इंडिया को कम करनी होंगी ये बड़ी गलतियां

भारतीय टीम मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट खेलने उतर रही है। खिलाड़ियों की चोट से परेशान युवा टीम को सीरीज में वापसी करने के लिए अपनी गलतियों पर काम करना होगा।

Indian Test Team

लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड का विकेट गिरने के बाद जश्न मनाते भारतीय खिलाड़ी। (Photo Credit: BCCI/X)

भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआत 3 मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन किया हैमगर सीरीज का स्कोरलाइन 1-2 है। इंग्लैंड दौरा शुरू होने से पहले इस स्कोरलाइन से शायद ही किसी को परेशानी होती लेकिन जिस तरह टीम इंडिया खेली है, उससे सीरीज में पिछड़ना निरशाजनक हैभारतीय टीम अब 23 जुलाई से चौथे टेस्ट में उतर रही है। यह मुकाबला मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाएगा, जहां भारत एक भी टेस्ट नहीं जीत पाया है

 

शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम मैनचेस्टर टेस्ट से पहले खिलाड़ियों की चोट से परेशान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अर्शदीप सिंह और नीतीश कुमार रेड्डी बाकी बचे दोनों मैचों से बाहर हो गए हैं। वहीं आकाश दीप का मैनचेस्टर में खेलना संदिग्ध है। टीम इंडिया अपनी मजबूत बेंच स्ट्रेंथ से इन खिलाड़ियों की कमी को पूरा कर लेगी लेकिन उसे सीरीज में वापसी करने के लिए उन गलतियों पर काम करना होगा, जिससे मजबूत स्थिति में होने के बावजूद टीम मुकाबले में पिछड़ गई है।

कैचिंग में नहीं हुआ सुधार

भारतीय टीम ने लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में 9 कैच टपकाए थे। इंग्लैंड की पहली पारी में भारतीय फील्डर्स ने 5 कैच छोड़े। पिछले 5 साल में किसी एक टेस्ट पारी में टीम इंडिया की यह सबसे खराब फील्डिंग थी। कैच छोड़ने का सिलसिला इंग्लैंड की दूसरी पारी में भी जारी रहा और भारत को इसकी कीमत मैच हारकर चुकानी पड़ी।

 

एजबेस्टन में टीम इंडिया ने 336 रन से जीत हासिल की। बल्लेबाजों ने फिर से रनों का पहाड़ खड़ा किया और गेंदबाजों को इस बार फील्डर्स का साथ मिला। इस बार फील्ड में ना के बराबर गलतियां हुईं और भारतीय टीम ने सीरीज में बराबरी हासिल की। हालांकि इसके बाद लॉर्ड्स में फिर से अहम कैच छूटे। पहली पारी में ओली पोप डक पर आउट हो जाते लेकिन कप्तान गिल उनका कैच लपकने में असफल रहे। इसके बाद केएल राहुल ने जेमी स्मिथ को 5 रन के निजी स्कोर पर जीवनदान दिया।

 

फॉर्म में चल रहे इस इंग्लिश विकेटकीपर बल्लेबाज ने 51 रन की पारी खेली, जिसने मैच में बड़ा अंदर पैदा किया। वह ब्राइडन कार्स के साथ मिलकर इंग्लैंड को 271/7 से 387 तक ले गए। अंत में भारत को 22 रन से करीबी हार का सामना करना पड़ा।

सीरीज में टीम इंडिया ने टपकाए 18 कैच

भारतीय टीम सीरीज के पहले 3 मैचों में 18 कैच टपका चुकी है। वहीं अब तक 28 कैच लपके हैं। टीम इंडिया की कैचिंग प्रतिशत सिर्फ 60.90 है। दूसरी ओर इंग्लैंड ने 36 कैच लपके हैं और सिर्फ 10 छोड़े हैं। उसकी कैचिंग प्रतिशत 78.30 है। ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि बल्लेबाजी और गेंदबाजी में इंग्लैंड से बेहतर करने के बाद भी भारत सीरीज में क्यों पीछे है।

कैच लेने के मामले में भारत से आगे इंग्लैंड

  • इंग्लैंड: कैच लपके - 36, टपकाए - 10
  • भारत: कैच लपके - 28, टपकाए - 28

भारतीय टीम को सीरीज जीतने के लिए बचे हुए दोनों मैच अपने नाम करने हैं। इसके लिए उसे अब अपनी फील्डिंग को शीर्ष स्तर पर ले जाना होगा। गलती की थोड़ी भी गुंजाइश नहीं बची है। कैचिंग को बेहतर करना होगा नहीं तो सारी मेहनत स्लिप में ही जाया हो सकती है।

फोकस बनाए रखना जरूरी

मौजूदा सीरीज में भारतीय टीम का ट्रेंड रहा है कि वह ब्रेक से पहले या उसके बाद विकेट गंवाकर मजबूत स्थिति से मुश्किल में फंस गई है। लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की पहली पारी के दौरान तीसरे दिन लंच से ठीक पहले ऋषभ पंत रन आउट होकर अपना विकेट गंवा बैठे। ब्रेक के ठीक बाद उनके बैटिंग पार्टनर केएल राहुल भी चलते बने। उसी दिन टी-ब्रेक के 3.3 ओवर बाद नीतीश कुमार रेड्डी आउट हो गए। वहीं रवींद्र जडेजा दिन के आखिरी ड्रिंक्स ब्रेक के 3.2 ओवर बाद पवेलियन लौटे। जडेजा के आउट होते ही भारतीय बिखर गई और आखिरी 4 विकेट 11 रन बनाने में गिरे।

 

दूसरी पारी में भी यही हाल रहा। चौथे दिन के आखिरी पलों में भारतीय टीम ने 31 गेंद के अंदर 3 विकेट खोए। पांचवें दिन की शुरुआत में 23 गेंद के अंदर 3 बल्लेबाज पवेलियन लौटे। इसी तरह जब लंच ब्रेक होने में जब 4 गेंद बची हुई थी, तभी नीतीश कुमार रेड्डी चलते बने। इसी तरह हेडिंग्ले में पहले दिन लंच से ठीक पहले केएल राहुल और साई सुदर्शन आउट हो गए थे। यशस्वी जायसवाल टी-ब्रेक के बाद अपना विकेट गंवा बैठे। मुकाबले का दूसरे दिन इससे भी बुरा रहा। भारत ने लंच पहले और उसके बाद कुल 6 विकेट गंवाए, जिससे टीम 447/4 के स्कोर से 471 पर ऑलआउट हो गई।

 

इसे कह सकते हैं कि इंग्लैंड की टीम ने इन कोलैप्स को अंजाम प्लान के तहत अंजाम दिया है। मगर ज्यादातर मौकों पर ब्रेक से पहले या उसके बाद भारतीय बल्लेबाजों का ध्यान भटका है और वे गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट हुए हैं। भारतीय टीम मैनेजमेंट को सीरीज फिसलने से पहले इस पहेली का समाधान जल्द से जल्द ढूंढना होगा।

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