इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में प्लेऑफ की जंग तेज हो गई है। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को छोड़कर सभी टीमें प्लेऑफ की रेस में बनी हुई हैं। CSK आईपीएल 2025 से बाहर हो चुकी है। वहीं राजस्थान रॉयल्स (RR) की उम्मीदें अभी जिंदा हैं, लेकिन उसके प्लेऑफ में पहुंचने की संभावना बेहद कम है। RR के पास 10 मैचों में 7 पॉइंट्स हैं। वह अपने बचे हुए चारों मैच जीत भी लेगी, तब भी 14 पॉइंट्स तक ही पहुंच पाएगी, जो टॉप-4 में फिनिश करने के लिए काफी नहीं होंगे।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) 10 में से 7 मैच जीतकर पॉइंट्स टेबल में फिलहाल टॉप पर है। उसके बाद पंजाब किंग्स (PBKS) का नंबर है। PBKS ने 30 अप्रैल को CSK को हराकर पॉइंट्स टेबल में 3 पायदान की छलांग लगाकर दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली टीम के पास 13 पॉइंट्स हो गए हैं। मुंबई इंडियंस (MI), गुजरात टाइटंस (GT), और दिल्ली (DC) क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। इन तीनों टीमों के पास 12-12 पॉइंट्स हैं। आईपीएल 2025 की शुरुआत में नंबर 1 पर चल रही DC टॉप-4 के बाहर आ गई है।
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ट्रॉफी जीतने के लिए टॉप-2 में रहना जरूरी
मौजूदा पॉइंट्स टेबल को देखें तो टॉप-5 टीमें प्लेऑफ में पहुंचने की प्रबल दावेदार नजर आ रही हैं। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) और कोलकाता नाइट राइडर्स भी रेस में है। सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) 16 पॉइंट्स तक पहुंच सकती है, लेकिन इसके लिए उसे लगातार 5 मुकाबले जीतने होंगे, जो बेहद मुश्किल है।
RCB ने प्लेऑफ में एक कदम रख दिए हैं, लेकिन उसकी नजरें सिर्फ क्वालिफिकेशन पर नहीं होंगी, क्योंकि ट्रॉफी जीतने के लिए टॉप-2 में फिनिश करना बेहद जरूरी है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आईपीएल में 2011 सीजन से प्लेऑफ नियम लागू होने के बाद से पॉइंट्स टेबल में पहले और दूसरे नंबर पर रहने वाली टीमें ही चैंपियन बनती आई हैं। प्लेऑफ के नियमों के अनुसार, टॉप-2 टीमों को फाइनल में पहुंचने के दो मौके मिलते हैं। वहीं तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाली टीमों के लिए प्लेऑफ में हर मुकाबला करो या मरो वाला होता है।
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ये है प्लेऑफ नियम
पॉइंट्स टेबल में पहले और दूसरे नंबर की टीमों के बीच क्वालिफायर 1 खेला जाता है। इस मुकाबले की विजेता टीम सीधे फाइनल में पहुंच जाती है। वहीं हारने वाली टीम के पास एक और मौका रहता है। एलिमिनेटर में तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाली टीमें आमने-सामने होती हैं। एलिमिनेटर में हारने वाली टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जाती है, जबकि जीतने वाली टीम क्वालिफायर 2 में पहुंचती है, जहां उसका सामना क्वालिफायर 1 में हारने वाली टीम से होता है। फिर यहां से दूसरी फाइनलिस्ट टीम तय होती है।
इस तरह अगर कोई टीम तीसरे या चौथे नंबर पर रहते हुए ट्रॉफी जीतना चाहती है तो उसे प्लेऑफ में लगातार तीन मुकाबलों में बाजी मारना होगा। पिछले 15 साल में सिर्फ सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ही ऐसा कर पाई है। SRH ने 2016 सीजन में तीसरे स्थान पर रहकर प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई किया था। डेविड वॉर्नर की कप्तानी में टीम एलिमिनेटर से होते हुए फाइनल में पहुंची और आरसीबी को धूल चटाकर ऐतिहासिक खिताबी जीत दर्ज की।