दुनिया में कई ऐसे क्रिकेटर हुए हैं जिन पर हत्या के आरोप लगे हैं। हाल ही में बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन का नाम मर्डर के केस में घसीटा गया था। वहीं पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह की मौत के मामले में 10 महीने की जेल की सजा काट चुक हैं। लेकिन क्रिकेट के इतिहास में एक प्लेयर ऐसा भी हुआ जो ना सिर्फ मर्डर केस में जल गया बल्कि उसे फांसी पर भी लटका दिया गया। बात हो रही है वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज लेस्ली हिल्टन की जिन्हें अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में सजा-ए-मौत दी गई थी। लेस्ली हिल्टन ने 1935-39 के बीच वेस्टइंडीज के लिए 6 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें 16 विकेट झटके थे। वह दुनिया के इकलौते ऐसे टेस्ट क्रिकेटर हैं जिन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
पुलिस वाले की बेटी से की शादी
जमैका के रहने वाले लेस्ली हिल्टन को लर्लिन रोज से प्यार हो गया था। लर्लिन जमैका के एक पुलिस इंस्पेक्टर की बेटी थीं। हिल्टन ने लर्लिन के साथ 1942 में शादी कर ली। इसके 5 साल बाद यानी 1947 में उनके घर बेटा पैदा हुआ। इसके बाद दोनों के रिश्ते में नया मोड़ आता है। लर्लिन फैशन डिजाइनर बनना चाहती थीं और उनका न्यूयॉर्क आना-जाना लगा रहता था। 1951 में हिल्टन ने लर्लिन के घर जाकर रहने लगे। बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी लॉर्लिन की मां ने संभाली।
पत्नी की बेवफाई पता चली तो मारी 7 गोलियां
सब कुछ अच्छा चल रहा था मगर 1954 में हिल्टन और लर्लिन के बीच रिश्तों में दरार आ गई। दरअसल हिल्टन को एक गुमनाम चिट्ठी मिली, जिसमें उनकी पत्नी और ब्रूकलीन एवेन्यू में रहने वाले रॉय फ्रांसिस नाम के एक शख्स के बीच अवैध संबंधों के बारे में लिखा हुआ था। चिट्ठी पढ़ने के बाद हिल्टन ने टेलीग्राम करते हुए लर्लिन को तुरंत वापस आने के लिए कहा। शुरू में मना करने के बाद लर्लिन वापस जमैका आ गईं और उन्होंने अफेयर की बातों को सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि लर्लिन ने रॉय फ्रांसिस से जान-पहचान की बात को मान लिया। ऐसे में हिल्टन का शक और गहरा गया।
इसके बाद हिल्टन के हाथ ऐसी कई चिट्ठियां लग गईं जो उनकी वाइफ ने फ्रांसिस को भेजी थीं। राज खुलने के बाद लर्लिन ने स्वीकार किया कि फ्रांसिस के साथ उनका अफेयर है। लर्लिन ने हिल्टन को कुछ ऐसी बातें भी कहीं जिससे इस क्रिकेटर का गुस्सा फूट पड़ा और उसने अपनी पत्नी को 7 गोलियां दाग दी और खुद की पुलिस को बुलाया।
अक्टूबर 1954 में सुनवाई के दौरान हिल्टन ने अपने बचाव में कहा कि वे खुद को गोली मारना चाहते थे लेकिन गलती से गोली लर्लिन को लग गई। हालांकि जजों ने उनकी बात को नहीं माना, क्योंकि लर्लिन के शरीर में 7 गोलियां दर्ज थीं। कोर्ट ने 20 अक्टूबर 1954 को हिल्टन को अपनी वाइफ के मर्डर का दोषी पाया गया और उन्हें 17 मई 1955 को फंसी दे दी गई।
बदहाली से निकलकर क्रिकेट में बनाया था करियर
हिल्टन का जन्म 29 मार्च 1905 को जमैका में हुआ था। बेहद गरीब परिवार में जन्मे हिल्टन को कभी नहीं पता चल पाया कि उनके पिता कौन थे। जब वह 3 साल के थे तभी उनकी मां भी चल बसीं। ऐसे में उनकी बहन ने उन्हें पाला। हिल्टन जब 13 के हुए तब उनकी बहन की भी मुत्यु हो गई। बहन की मौत के बाद हिल्टन की पढ़ाई भी छूट गई और उन्होंने एक दर्जी के यहां काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने दूसरी जगहों पर भी मजदूरी की। कठिन चुनौतियों को पार कर उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर जमैका की टीम में जगह बनाई।
हिल्टन ने जमैका के लिए बतौर बॉलिंग ऑराउंडर जबरदस्त प्रदर्शन किया जिसके चलते उन्हें 1935 में इंग्लैंड दौरे के लिए वेस्टइंडीज की टीम में चुन लिया गया। वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को उसके घर में 2-1 से हराया, जिसमें हिल्टन ने 13 विकेट लेकर उपयोगी भूमिका निभाई। उन्हें 1939 में भी इंग्लैंड दौरे के लिए टीम शामिल किया गया था लेकिन वह अपनी धार खो चुके थे। उन्होंने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के 2 मुकाबले खेले। द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने के साथ ही उनके क्रिकेट करियर पर भी विराम लग गया। क्रिकेट से संन्यास के बाद उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन की शुरुआत की जिसका अंत बेहद दुखद हुआ।