नेशनल गेम्स 2025 का 14 फरवरी को समापन हुआ। उत्तराखंड की मेजबानी में हुए 38वें नेशनल गेम्स में 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों और सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड ने हिस्सा लिया। सर्विसेज कुल 121 मेडल (68 गोल्ड, 26 सिल्वर, 27 ब्रॉन्ज) के साथ मेडल टैली में नंबर-1 पर रहा। पिछले नेशनल गेम्स में महाराष्ट्र ने टॉप पर फिनिश किया था। महाराष्ट्र ने इस बार 201 मेडल (58 गोल्ड, 71 सिल्वर, 76 ब्रॉन्ज) जीते। महाराष्ट्र ने सर्विसेज से ज्यादा मेडल हासिल किए लेकिन कम गोल्ड मेडल जीतने के कारण दूसरे स्थान पर रहा।
महराष्ट्र को इस खेल में हुआ मेडल का नुकसान
महाराष्ट्र ने 2023 नेशनल गेम्स में मॉडर्न पेंटाथलान में 14 गोल्ड समेत 24 मेडल जीते थे। इस बार मॉडर्न पेंटाथलान में उसे 13 मेडल (7 गोल्ड, 3 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज) ही मिले। जिम्नास्टिक और एक्वाटिक्स ने एक बार फिर उसे सबसे ज्यादा मेडल दिलाए। महाराष्ट्र ने एक्वाटिक्स में जरूर 35 मेडल जीते लेकिन इसमें गोल्ड संख्या महज 6 ही रही।
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उत्तराखंड 25वें से टॉप-10 में पहुंचा
उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 103 मेडल (24 गोल्ड, 35 सिल्वर, 44 ब्रॉन्ज) के साथ सातवां स्थान हासिल किया। पिछले नेशनल गेम्स में वह 25वें स्थान पर था। मेजबान होने के नाते उत्तराखंड के एथलीट्स को कई इवेंट में खेलने का मौका मिला, जिससे राज्य के मेडल में बढ़ोतरी दर्ज की गई। उत्तराखंड ने मॉडर्न पेंटाथलान में सबसे ज्यादा 14 मेडल (6 गोल्ड, 3 सिल्वर, 5 ब्रॉन्ज) जीते। इसके अलावा कयाकिंग-कैनोइंग, एथलेटिक्स, ताइक्वांडो और वूशू में भी उत्तराखंड के मेडल्स की संख्या दोहरे अंक में रही।
हरियाणा के 39 मेडल घटे
हरियाणा पिछली बार की तरह तीसरे स्थान पर ही रहा लेकिन उसके 39 मेडल कम आए। हरियाणा ने 2023 नेशनल गेम्स में 61 गोल्ड, 56 सिल्वर और 75 ब्रॉन्ज समेत 192 मेडल जीते थे। इस बार उसे 153 मेडल (48 गोल्ड, 47 सिल्वर, 58 ब्रॉन्ज) के साथ संतोष करना पड़ा।
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हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन की लचर व्यवस्था के कारण राज्य के प्रदर्शन पर असर पड़ा। नेशनल गेम्स के लिए हरियाणा में कोई कैंप नहीं लगा। खिलाड़ियों का चयन हुआ और उन्हें सीधे उत्तराखंड रवाना कर दिया गया। हरियाणा ने पिछले नेशनल गेम्स में रेसलिंग में 11 गोल्ड समेत 24 मेडल जीते थे, वहीं इस बार 14 मेडल ही जीत सका।
हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि राज्य के प्रदर्शन में गिरावट की वजह बेस्ट रेसलर्स का चयन नहीं हो सका। ट्रायल नहीं हुआ। पुराने पहलवानों का चयन बिना मौजूदा फिटनेस देखे किया गया।

केरल को लगा सबसे बड़ा झटका
2023 नेशनल गेम्स में केरल ने जहां 87 मेडल के साथ टॉप-5 में फिनिश किया था, वहीं इस बार वह 54 मेडल के साथ 14वें स्थान पर रहा। केरल ने पिछली बार 36 गोल्ड जीते थे। नेशनल गेम्स 2025 में उसके खाते में सिर्फ 13 गोल्ड ही आया।
राज्य के खेल मंत्री ने निराशाजनक प्रदर्शन के लिए भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इस बार के नेशनल गेम्स में 'कलारीपयट्टू' को शामिल करने के केरल के अनुरोध को पीटा उषा ने ठुकरा दिया, जिससे मेडल का नुकसान हुआ। केरल ने पिछले नेशनल गेम्स में कलारीपयट्टू में 19 गोल्ड मेडल जीते थे।
तमिलनाडु ने किया कमाल
तमिलनाडु 92 मेडल के साथ छठे स्थान पर रहा। पिछले नेशनल गेम्स में वह 81 मेडल के साथ 10वें स्थान पर था। तमिलनाडु को एथलेटिक्स में जरूर 4 गोल्ड कम आए लेकिन इसकी भरपाई उसने स्क्वैश, टेबल टेनिस और बैडमिंटन से कर ली।
दिल्ली के लगभग आधे मेडल घटे
पिछले नेशनल गेम्स की तुलना में दिल्ली के मेडल 119 से घटकर 62 पर आ गए। दिल्ली ने जूडो में पिछली बार 4 गोल्ड समेत 12 मेडल जीते थे, वहीं इस नेशनल गेम्स में वह 2 ही मेडल (1 गोल्ड, 1 सिल्वर) जीत पाया। दिल्ली मेडल टैली में तीन स्थान फिसलकर 10वें स्थान पर रहा। उसके रेसलर्स ने इस बार बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने 2023 की तरह मेडल 8 ही जीते लेकिन इसमें गोल्ड की संख्या 2 रही।
कर्नाटक का एक्वाटिक्स में दबदबा
कर्नाटक ने एक्वाटिक्स में अपना दबदबा कायम रखते हुए मेडल टैली में पांचवां स्थान हासिल किया। कर्नाटक ने कुल 80 मेडल (34 गोल्ड, 18 सिल्वर, 28 ब्रॉन्ज) जीते। राज्य को 34 में से 22 गोल्ड एक्वाटिक्स में मिले। कर्नाटक ने पिछले नेशनल गेम्स में एक्वाटिक्स में 19 गोल्ड मेडल जीते थे।