रवींद्र जडेजा के इंटनरेशनल करियर की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जडेजा की भारतीय वनडे टीम में वापसी की उम्मीदें कम हैं। उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए नजरअंदाज किया जा सकता है। साथ ही उनके टेस्ट करियर पर भी तलवार लटक गई है। टीम मैनेजमेंट उनसे आगे बढना चाहती है जिसकी शुरुआत चैंपियंस ट्रॉफी से हो सकती है।
गौतम गंभीर हर फॉर्मेट में कोर टीम बनाना चाहते हैं। टीम मैनेजमेंट वनडे विश्व कप 2027 की तैयारियां चैंपियंस ट्रॉफी से शुरू कर सकती है। इस प्लान में जडेजा फिट नहीं बैठ रहे हैं। बीसीसीआई के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि वनडे फॉर्मेट में मैनेजमेंट जडेजा से आगे बढ़ सकती है। जडेजा पहले टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले चुके हैं।
सूत्र ने कहा, 'गौतम गंभीर हर फॉर्मेट में कोर टीम बनाने को लेकर बहुत दृढ़ रहे हैं। अब तक उन्होंने लंबे फॉर्मेट के साथ बहुत अधिक छेड़छाड़ नहीं की है लेकिन वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए मजबूत बेस बनाने के लिए उनके पास क्लीयर विजन है। वह कुछ नए युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेलेक्टर्स कब यह तय करते हैं कि बदलाव की जरूरत है। वे इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि वे जडेजा के रूप में सुरक्षित विकल्प के साथ जाना चाहते हैं या आगे बढ़ना चाहते हैं।'
टेस्ट टीम में भी जडेजा की जगह को खतरा
जडेजा ने भारत के लिए आखिरी वनडे मैच 2023 वर्ल्ड कप फाइनल के तौर पर खेला था। उन्हें श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था। टी20 वर्ल्ड कप जीत के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली वनडे टीम में लौटे थे लेकिन जडेजा की वापसी नहीं हुई। अक्षर पटेल के व्हाइट बॉल क्रिकेट में गेंद और बल्ले से धाकड़ प्रदर्शन को देखते हुए चैंपियंस ट्रॉफी में स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर तरजीह दिए जाने की संभावना है।
बीसीसीआई सूत्र ने कहा कि जडेजा टेस्ट क्रिकेट में अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं लेकिन उनका रिप्लेसमेंट तैयार करना होगा। सूत्र ने अखबार को बताया,'टेस्ट क्रिकेट में भी वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि उनकी गेंदबाजी ठीक-ठाक रही है। वनडे क्रिकेट में उनसे आगे देखा जा सकता है। यह चयनकर्ताओं के लिए कठिन निर्णय होगा। जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है, तो जडेजा मध्य क्रम में अनुभव की कमी के कारण इंग्लैंड दौरे के लिए अभी भी तगड़े दावेदार हैं। लेकिन चयनकर्ताओं को घरेलू सत्र के दौरान फैसला लेना होगा। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चयनकर्ताओं को ध्यान रखना होगा कि दुबई की पिचें धीमी गति के गेंदबाजों के लिए मददगार रही हैं।'