वनडे और टी20 में अक्सर देखा जाता है कि आखिरी ओवरों में गेंदबाज संघर्ष करते नजर आते हैं। उन्होंने अपनी लाइन और लेंथ पर खासा ध्यान देना होता है। हल्की सी चूक भी उन्हें और उनकी टीम को भारी पड़ती है। बल्लेबाज अपनी क्रीज में काफी चहलकदमी करते हैं जिससे गेंदबाजी मुश्किल हो जाती है। बल्लेबाजों की मनमानी को देखते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) बॉलर्स को थोड़ी छूट देने पर विचार कर रहा है।
साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान शॉन पोलॉक ने कहा कि आईसीसी क्रिकेट कमिटी गेंदबाजों को वाइड पर थोड़ी अधिक छूट देने की दिशा में काम कर रही है। क्योंकि मौजूदा नियम उन पर बहुत सख्त है, खासकर आखिरी ओवरों में जब बल्लेबाज मूवमेंट करते हैं। व्हाइट बॉल क्रिकेट में गेंदबाजों की लाइन और लेंथ को बिगाड़ने के लिए बल्लेबाज क्रीज पर अंतिम पलों में मूवमेंट करते हैं जिससे अक्सर गेंद वाइड हो जाती है।
गेंदबाज के लिए आखिरी सेंकंड में रणनीति बदलना मुश्किल
आईसीसी क्रिकेट कमिटी के मीडिया प्रतिनिधि पोलॉक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'मैं आईसीसी क्रिकेट कमिटी का हिस्सा हूं और हम वाइड गेंद पर गेंदबाजों के लिए कुछ और छूट लाने पर विचार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इसको लेकर नियम गेंदबाजों के प्रति बहुत सख्त हैं। अगर कोई बल्लेबाज आखिरी मिनट में मूवमेंट करता है, तो यह वास्तव में गेंदबाजों के लिए आदर्श स्थिति नहीं होती है। मुझे लगता है कि एक गेंदबाज को अपने रनअप की शुरुआत में यह जानना जरूरी है कि वह कहां गेंदबाजी कर सकता है।'
पोलॉक ने आगे कहा, 'मौजूदा नियमों के अनुसार अगर गेंदबाज के गेंद छोड़ने से तुरंत पहले बल्लेबाज अपनी जगह बदलता है तो इससे गेंद वाइड दे दी जाती है। मैं इस नियम में थोड़ा बदलाव चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि एक गेंदबाज को रनअप के समय पता होना चाहिए कि उसे कब, कैसी गेंद करनी है। एक गेंदबाज से यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वह गेंदबाजी करते समय आखिरी सेकंड में अपनी रणनीति बदल देगा। उसे पहले ही स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए कि उसे कहां गेंदबाजी करनी है। यह मेन फैक्टर है जिस पर हम चर्चा कर रहे हैं।'