टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे की जबरदस्त शुरुआत की थी। पर्थ में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 100 रन की पारी खेली थी। इस साल टेस्ट क्रिकेट में उनकी ये पहली सेंचुरी रही। इसके बाद कोहली से उम्मीद की जाने लगी थी कि एडिलेड में होने वाले पिंक बॉल टेस्ट में भी वह इसी लय को बरकरार रखेंगे, मगर उनका बल्ला शांत रहा। एडिलेड ओवल में बेहतरीन रिकॉर्ड रखने वाले कोहली 7 और 11 रन ही स्कोर कर सके। दोनों पारियों में वह विकेट के पीछे लपके गए। पहली पारी में उन्हें मिचेल स्टार्क ने स्लिप में कैच आउट करवाया तो दूसरी पारी में वह स्कॉट बोलैंड की गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच दे बैठे।
पर्थ की पहली पारी में भी कोहली स्लिप में कैच आउट हुए थे। इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर उनकी पुरानी कमजोरी फिर से उजागर हो गई है। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट से पहले कोहली को अहम सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोहली को पारी की शुरुआत में ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों को खेलने से बचना चाहिए। गावस्कर का मानना है कि वह सिर्फ सामने खेलकर रन बना सकते हैं।
सुनील गावस्कर ने ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, 'ये अप्रोच होनी चाहिए कि शुरुआत में जब तक आप सेट नहीं हुए, तब तक बाहर की गेंदों को ना खेलें। एडिलेड की पहली पारी में उन्होंने ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर जो शॉट खेला था, वो ऊपर से गई थी। अब ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर्स ने देखा होगा... दूसरी पारी में जब आए, तो उन्होंने वहां फील्डर रखा हुआ था। इसी चीज को संभालना है। सिर्फ अगर सामने खेलें, उनका निचला हाथ इतना अच्छा चलता है, उससे वह मिड ऑन, मिडविकेट और स्ट्रेट मार सकते हैं।
सचिन की तरह ठोकेंगे डबल सेंचुरी
लिटिल मास्टर ने कोहली को सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा लेने की बात कही। सचिन ने 2003/04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट में ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों को नहीं खेलने का फैसला किया था। उनका यह अप्रोच कारगर रहा था और उन्होंने नाबाद 241 रन की पारी खेली थी। गावस्कर ने कहा, 'जैसा कि सचिन तेंदुलकर ने सिडनी में किया था। वह पहले के तीन टेस्ट मैचों में कवर में और स्ल्पि में आउट हो रहे थे। उन्होंने एक भी कवर ड्राइव नहीं खेला। सिर्फ मिड ऑफ और लेग साइड में स्कोर करके 250 रन बनाया। अगर कोहली भी अपने आप पर थोड़ा सा काबू रखें, तो जैसे सचिन ने डबल सेंचुरी बनाई वैसे वो भी बना सकते हैं।