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बैटिंग या बॉलिंग नहीं, यह है टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी

इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में भारतीय टीम मजबूत स्थिति में होने के बावजूद हार गई। इस हार की एक बड़ी वजह दोनों पारियों में टीम इंडिया के लोअर ऑर्डर का कोलैप्स हो जाना था।

Indian Team

लीड्स टेस्ट के दौरान भारतीय खिलाड़ी। (Photo Credit: BCCI/X)

भारत ने इंग्लैंड के हाथों लीड्स टेस्ट गंवा दिया। इस मुकाबले में भारतीय गेंदबाज 370 रन को डिफेंड नहीं कर सके। इंग्लैंड ने लीड्स टेस्ट के पांचवें दिन 350 रन बनाकर आसानी से टारगेट हासिल कर लिया। भारत की इस बड़ी हार के बाद गेंदबाजों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस मैच में जसप्रीत बुमराह के अलावा के अलावा कोई प्रभावित नहीं कर सका। 

 

लीड्स टेस्ट में भारत की हार के कारणों में से एक गेंदबाजी तो रही ही लेकिन जिसकी कम बात हुई वह थी दोनों पारियों में लोअर ऑर्डर का कोलैप्स हो जाना। टीम इंडिया ने पहली पारी में आखिरी 7 विकेट 41 रन जोड़कर गंवा दिए, जबकि दूसरी पारी में आखिरी 6 विकेट विकेट 31 रन पर ढह गए। इसके चलते भारतीय टीम मैच पर अपनी मजबूत पकड़ नहीं बना सकी और इंग्लैंड के लिए वापसी के दरवाजे खुल गए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। 2021 से अब तक पांच बार भारतीय टीम ने मजबूत स्थिति में होने के बावजूद अंतिम 6 विकेट 90 रन से कम जोड़कर गंवाए हैं। 

बेंगलुरु टेस्ट में ढही पारी

पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में भारतीय टीम 46 रन पर ढेर हो गई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने वापसी की और 3 विकेट के नुकसान पर 408 रन बना लिए थे। ऋषभ पंत और सरफराज खान के बीच 177 रन की साझेदारी हो चुकी थी। इसके बाद कीवी टीम ने नई गेंद ली और भारत के आखिरी 7 विकेट 52 रन पर गिर गए। इस बैटिंग कोलैप्स के कारण टीम इंडिया 107 रन का ही टारगेट दे पाई, जिसे न्यूजीलैंड ने आसानी से हासिल कर लिया।

 

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धर्मशाला टेस्ट में कुलदीप-बुमराह ने बचाई लाज

इंग्लैंड के खिलाफ मार्च 2024 में धर्मशाला टेस्ट की पहली पारी में शुभमन गिल और कप्तान रोहित शर्मा के शतकों की मदद से भारतीय टीम 4 विकेट के नुकसान पर 403 रन बना चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि वह आसानी से 500 के आंकड़े को पार कर जाएगी, तभी अचानक 4 विकेट धड़ाधड़ गिर गए। कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह ने 49 रन की साझेदारी कर भारत को 477 रन तक पहुंचाया। हालांकि इस कोलैप्स से मुकाबले पर ज्यादा असर नहीं दिखा क्योंकि अंत में भारतीय टीम ने धर्मशाला टेस्ट को पारी और 64 रन से अपने नाम कर लिया।

 

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एजबेस्टन में हुआ था लीड्स जैसा हाल

इंग्लैंड के खिलाफ 2022 में एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में 190/4 के स्कोर से 245 रन पर सिमट गई थी। यह सीरीज का निर्णायक मुकाबला था। भारत के पास 450 रन से ज्यादा का टारगेट सेट करने का मौका था लेकिन बैटिंग कोलैप्स के कारण वह इंग्लैंड को 377 रन का ही लक्ष्य दे पाई, जिसे अंग्रेजों ने 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया।

सेंचुरियन में हाथ से निकल जाता मैच

साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2021 में बॉक्सिंग डे टेस्ट की पहली पारी में एक समय भारत का स्कोर 278/3 था। यहां से स्कोर 400 प्लस भी जा सकता था मगर केएल राहुल (123) के आउट होने के बाद बाकी बल्लेबाज क्रीज पर नहीं टिक सके और भारतीय टीम 327 रन पर ढेर हो गई। संयोग से इससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और भारत ने यह मैच 113 रन से जीत लिया।

लॉर्ड्स में भी बिखरी थी पारी

इंग्लैंड के खिलाफ 2021 में लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय टीम ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इस मुकाबले में भी टीम इंडिया को कोलैप्स का सामना करना पड़ा था। पहले दिन स्टंप्स तक भारत का स्कोर 278/3 था। दूसरे दिन भारत के अंतिम 7 विकेट 86 रन पर ढह गए। रवींद्र जडेजा और ऋषभ पंत को लोअर ऑर्डर से बिल्कुल सपोर्ट नहीं मिला, जिस कारण भारतीय पारी 364 पर सिमटी थी।

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