उमेश यादव और वरुण आरोन का करियर लगभग एक ही समय शुरू हुआ। दोनों तेज गेंदबाजों ने अपनी स्पीड से घरेलू क्रिकेट में तहलका मचाकर भारतीय टीम में एंट्री मारी थी। लेकिन उमेश ने जहां 60 के करीब टेस्ट खेले वहीं वरुण का करियर 9 मैच तक ही चल सका। अब वरुण ने 35 साल की उम्र में सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। झारखंड के इस पेसर ने भारतीय टीम के लिए 9 टेस्ट और इतने ही वनडे मैचों में हिस्सा लिया।
चोटों से प्रभावित रहा करियर
MRF पेस फाउंडेशन से निकले वरुण आरोन ने विजय हजारे ट्रॉफी के 2010-11 में 153 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद डालकर सुर्खियां बटोरी थीं। अक्टूबर 2011 में उन्होंने ODI से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की। वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपने पहले ODI मैच में 3 विकेट लिए। इसके अगले ही महीने वरुण ने वानखेड़े में ही अपना टेस्ट डेब्यू किया। वेस्टइंडीज के खिलाफ ड्रॉ पर छूटे इस हाई-स्कोरिंग मुकाबले में उन्होंने पहली पारी में 3 विकेट अपनी झोली में डाले।
वरुण के इंटरनेशनल करियर की शुरुआत तो शानदार रही लेकिन पीठ की चोट के कारण वह 2011-12 ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर हो गए। रणजी ट्रॉफी के 2008-09 सीजन में डेब्यू करने के बाद उन्हें दो स्ट्रेस फ्रैक्चर पहले ही हो चुके थे। इस चोट ने उन्हें आगे भी खासा परेशान किया। 2014 में पैर में लगी चोट ने वरुण के टेस्ट करियर पर गहरा प्रभाव डाला। वह टीम इंडिया की जर्सी में आखिरी बार साल 2015 में बेंगलुरु टेस्ट में खेलते दिखे थे। वरुण ने लगातार चोटिल होने के बावजूद अपनी गति से कभी समझौता नहीं किया। वरुण के नाम टेस्ट में 18 जबकि 9 ODI में 11 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने 66 फर्स्ट क्लास मैचों में 173 और 88 लिस्ट-ए मैचों में 141 विकेट झटके।
ऐसा रहा आईपीएल करियर
2011 से 2022 के बीच वरुण आरोन ने आईपीएल के 9 सीजन खेले। आईपीएल में वह दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स XI पंजाब, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और गुजरात टाइटंस का हिस्सा रहे। इन टीमों के लिए उन्होंने कुल 52 मैच खेले जिसमें 72 विकेट चटकाए। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने गुजरात टाइटंस के साथ 2022 में आईपीएल खिताब भी जीता। हालांकि यह उनका आखिरी आईपीएल सीजन साबित हुआ।
स्टुअर्ट ब्रॉड की तोड़ दी थी नाक
साल 2014 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी। 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर खेला जा रहा था। टीम इंडिया पहली पारी में महज 152 रन पर ही ढेर हो गई। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 7 विकेट के नुकसान पर 338 रन बना लिए थे तभी वरुण आरोन की एक खतरनाक बाउंसर ने स्टुअर्ट ब्रॉड की नाक तोड़ी दी। ब्रॉड को रिटायर हर्ट होना पड़ा। हालांकि 10 खिलाड़ियों के साथ ही इंग्लैंड की टीम ने मैनचेस्टर टेस्ट पारी और 54 रन से जीतकर सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली।