चेस की दुनिया के उभरते खिलाड़ी अभिमन्यु मिश्रा ने 8 सितंबर को इतिहास रच दिया। 16 साल के अभिमन्यु ने FIDE ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट में भारत के डी गुकेश जैसे खिलाड़ी को हराकर सनसनी मचा दी है। उज्बेकिस्तान के समरकंद में चल रहे इस टूर्नामेंट के पांचवें राउंड में उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन गुकेश के खिलाफ जीत दर्ज की। अभिमन्यु किसी मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन को क्लासिकल गेम में हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। गुकेश को शिकस्त देने से एक दिन पहले अभिमन्यु ने भारत के आर प्रज्ञानानंदा के खिलाफ ड्रॉ खेला था।
अमेरिका के न्यू जर्सी के रहने वाले अभिमन्यु 12 साल, 4 महीने, 25 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे। उन्होंने सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने का 19 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया था। अभिमन्यु पहली बार उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने 10 साल, 9 महीने, 20 दिन की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर का टाइटल हासिल कर लिया। उस समय वह इंटरनेशनल मास्टर का टाइटल हासिल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे।
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गुकेश के खिलाफ जीतने पर भी खुश नहीं दिखे अभिमन्यु
अभिमन्यु ने गुकेश को हराने के बाद FIDE को दिए इंटरव्यू में कहा, 'भले ही मैं जीत गया लेकिन यह टूर्नामेंट में मेरे पिछले मुकाबलों जितना सुखद नहीं रहा। यह उतना क्लीन गेम नहीं था लेकिन टूर्नामेंट मेरी कल्पना से भी बेहतर जा रहा है। अगर मैं इसी फॉर्म को बरकरार रखूं तो टूर्नामेंट जीत भी सकता हूं। कल भी मैंने प्राग (प्रज्ञानानंदा) के खिलाफ कुछ गलतियां कीं लेकिन मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं इन खिलाड़ियों (गुकेश और प्रज्ञानानंदा) से कमतर हूं। मुझे लगता है कि मैं उनके बराबर हूं।'
एक अन्य इंटरव्यू में अभिमन्यु ने कहा, 'मैंने उनकी (गुकेश की) खेल शैली से बहुत कुछ सीखा है। मुझे ओपनिंग को लेकर उनका अप्रोच पसंद है। मैंने उनके कुछ आइडियाज को भी अपने गेम में शामिल किया है।
उन्होंने आगे कहा, 'इस गेम से पहले मुझे नहीं लगा था कि मैं अंडरडॉग हूं। कल प्राग के खिलाफ अपने खेल में, मैंने कुछ सही फैसले नहीं लिए। हालांकि मेरा मानना है कि अगर मैं अपनी नर्वसनेस पर काबू पा लूं, तो मैं दुनिया के बेस्ट खिलाड़ियों से कम नहीं हूं। आज यही हुआ। मैं हर कठिन स्थिति के लिए तैयार था।'
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कौन हैं अभिमन्यू मिश्रा?
अभिमन्यु का जन्म 5 फरवरी, 2009 को अमेरिका के न्यू जर्सी में हुआ था। उन्होंने अभी सही से बोलना भी नहीं शुरू किया था कि उन्हें उनके पिता हेमंत मिश्रा चेस सिखाने लगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिमन्यु ने ढाई साल की उम्र में ही चेस सीखना शुरू कर दिया था। वह जब 5 साल के थे तब उन्होंने पहली बार किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। यहां उन्हें चेस के रोमांच और चैलेंज का अंदाजा लगा।
अभिन्यु के यहां तक पहुंचने मनें उनके माता-पिता का बड़ा रोल रहा है। अभिमन्यु पहले ही अमेरिका में पले-बढ़े हैं लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। उनके पिता हेमंत की पूरी पढ़ाई भारत में ही हुई थी। इसके बाद वह अमेरिका चले आए। वहीं अभिमन्यु की मां स्वाति मिश्रा आगरा की रहने वाली हैं। हेमंत और स्वाति ने छोटी उम्र में ही अभिमन्यु को चेस सिखाकर उन्हें टैलेंटेड बनाया। इसके बाद उनके खेल को अरुण प्रसाद सुब्रमण्यन और मागेश चंद्रन जैसे ग्रैंडमास्टर्स ने निखारा।