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कौन थे सैयद मोदी, जिनके नाम पर लखनऊ में हो रहा है बैडमिंटन टूर्नामेंट

सैयद मोदी की 1988 में हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने मर्डर का आरोप उनकी पत्नी समेत 7 लोगों पर लगाया था।

Syed Modi Badminton Player

सैयद मोदी (फोटो - Wikipedia)

लखनऊ में चल रही सैयद मोदी बैंडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय शटलर्स के अलावा दुनिया के 20 देशों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल 2024 बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन की सुपर 300 टूर्नामेंट है, जो 26 नवंबर से शुरू हुआ था और 1 दिसंबर तक चलेगा। इसमें दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन मुख्य आकर्षण हैं। बाबू बनारसी दास इनडोर स्टेडियम में आयोजित हो रहा ये टूर्नामेंट भारत के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी सैयद मोदी की याद में खेला जाता है, जिनकी 1988 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

 

कौन थे सैयद मोदी?

 

सैयद मोदी का जन्म 31 दिसंबर 1962 को गोरखपुर में हुआ था। उनके बचपन का नाम 'सैयद मेहदी हसन जैदी' था। कहा जाता है कि स्कूल में उनके टीचर ने उनका नाम सैयद मोदी लिख दिया था और यही नाम उनके साथ 26 साल तक जुड़ा रहा। सैयदी मोदी का नाम पहली बार चर्चा में तब आया, जब उन्होंने 18 साल की उम्र में 1980 में विजयवाड़ा नेशनल में प्रकाश पादुकोण को सीधे सेटों में हरा दिया। प्रकाश पादुकोण हाल ही में ऑल-इंग्लैंड बैडमिंटन टाइटल जीतकर लौटे थे और 1971 से 1979 तक नेशनल चैंपियन रहे थे। सैयद मोदी ने उनका दबदबा खत्म करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अपनी मौत तक राष्ट्रीय स्तर पर अजेय रहे। 

 

प्रकाश पादुकोण ने भारत में खेलना बंद कर दिया था। ऐसे में सैयद मोदी की रफ्तार और चाल का मुकाबला कोई नहीं कर पाता था। उन्होंने 1980 से 1987 तक लगातार आठ बार नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती। उनके जंप स्मैश लोगों को दीवाना बना देते थे। 1981 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ब्रिस्बेन में हुए 1982 कॉमनवेल्थ गेम्स में सैयद मोदी गोल्ड मेडल जीतकर लौटे और कुछ ही महीने बाद दिल्ली में एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्होंने तीन इंटरनेशनल टाइटल भी जीते। सैयद मोदी 1983 और 1984 में ऑस्ट्रियन इंटरनेशनल चैंपियन बने। इसके अगले साल उन्होंने USSR इंटरनेशनल चैंपियनशिप जीती। ये दोनों टूर्नामेंट यूरोपियन सर्किट के थे।

 

नहीं सुलझ सकी मौत की गुत्थी!

 

सैयद मोदी 28 जुलाई 1988 को प्रैक्टिस के बाद लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम से बाहर निकल रहे थे। तभी उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने इतने करीब से गोलियां दागी थीं कि उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। शुरुआती जांच के बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया। नवंबर 1988 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें उनकी पत्नी समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मगर सैयद मोदी मर्डर में एक ही आरोपी भगवती सिंह को सजा मिल पाई। उसे लखनऊ के सेशन कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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