भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले दो मुकाबले में गेंदबाज असहाय नजर आए हैं। हेडिंग्ले और एजबेस्टन में खेले गए दो मैचों में कुल 3365 रन बन चुके हैं। यह किसी टेस्ट सीरीज के पहले दो मुकाबलों में बने सबसे ज्यादा रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
इससे पहले टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मुकाबले में सबसे ज्यादा रन रिकॉर्ड 3230 था, जो करीब 100 साल पहले बना था। 1924-25 एशेज के दौरान पहले दो मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने यह रिकॉर्ड बनाया था। उस सीरीज में टेस्ट मैचों का दिन फिक्स नहीं था और पहले दो मुकाबले 7 दिन तक चले थे। मगर भारत-इंग्लैंड के बीच हुए 5-5 दिन के मैच ने ही उस रिकॉर्ड को काफी पीछे छोड़ दिया है। यह बताता है कि बॉलर्स का कितना बुरा हाल है।
गेंदबाजों के संघर्ष करने का ये है कारण
भारत-इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले दो टेस्ट में लगे रनों के अंबार के लिए आम सहमति है कि हेडिंग्ले और एजबेस्टन की पिच काफी फ्लैट थी। हालांकि इन मुकाबलों में इस्तेमाल हो रही ड्यूक बॉल की क्वालिटी भी गेंदबाजों की दुर्गति के लिए जिम्मेदार है। गेंद जल्दी सॉफ्ट हो जा रही है, जिसके चलते बॉलर्स बेबस नजर आ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो मौजूदा सीरीज में गेंदबाजों ने पहले 30 ओवर में 42.54 की औसत से 22 विकेट झटके हैं।
मगर गेंद पुरानी और सॉफ्ट होने के बाद उनकी बुरी तरह धुनाई हुई है। 31 से 80 ओवर के बीच गेंदबाजों ने सिर्फ 20 विकेट झटके हैं और उनकी औसत 86.75 की रही है। इससे पहले इंग्लैंड में पुरानी गेंद से सबसे खराब औसत 60.12 का था।
यह भी पढ़ें: एजबेस्टन फतह करने के बाद भारत ने कौन-कौन से रिकॉर्ड बनाए? पूरी लिस्ट
ड्यूक बॉल की क्वालिटी पर उठे सवाल
इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट के लिए ड्यूक बॉल इस्तेमाल की जाती है। इसकी हार्ड सीम और लंबे समय तक चलने की क्षमता बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेती थी। मगर अब यह जल्दी सॉफ्ट हो जा रही है और उसका आकार बदल जा रहा है। यहां तक कि 56वें ओवर में ही गेंद को बदलना पड़ा है।
अब तक हुए दोनों टेस्ट मैच में गेंद के आकार को लेकर खिलाड़ी शिकायत करते नजर आए हैं। ऋषभ पंत ने लीड्स टेस्ट में गेंद बदलने की मांग की थी, जिसे अंपायर ने गेज से चेक करने के बाद खेल जारी रखने के लिए कहा। इससे नाराज होकर पंत ने गेंद फेंक थी, जिसके लिए उन्हें आईसीसी से फटकार का सामना करना पड़ा।
भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने भी एजबेस्टन टेस्ट में जीत के बाद ड्यूक बॉल की क्वालिटी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी खराब हो रही गेंद गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।
यह भी पढ़ें: एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड, कितने दूर हैं शुभमन गिल?
इंग्लैंड की पिचों से गायब हुई सीम मूवमेंट
बैजबॉल एरा में पिचों को ऐसे डिजाइन किया गया है कि ये पांचों दिन बल्लेबाजी के लिए मददगार रहे। यही कारण है कि इंग्लैंड की टीम घरेलू टेस्ट में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करती है और आखिरी पारी में टारगेट चेज करने जाती है। इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट के लिए पहले पिच से तेज गेंदबाजों को सीम मूवमेंट मिलती थी, जो बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी करती थी। अब पिचों से सीमर्स को बहुत कम सीम मूवमेंट मिल रही है। यह बल्लेबाजी आसान बना रही है। ऊपर से सॉफ्ट ड्यूक बॉल से गेंदबाजों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं।