चार साल पहले पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक इलाके में एक ऐसी वारदात हुई थी जिसने सभी को हैरान कर दिया था। 19 साल के आसिफ मोहम्मद ने अपने ही परिवार के 4 लोगों को मार दिया था। शानिवार को इस केस में सजा सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट ने आसिफ को मौत की सजा सुनाई है। यह सजा सुनाते हुए कोर्ट ने इसे 'निर्मम हत्या' बताया। इस केस के सामने आने से लोग हैरान थे कि कैसे कोई व्यक्ति अपने ही परिवार की इतने निर्मम तरीके से हत्या कर सकता है।
इस केस में जांच के दौरान 19 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इसके बाद जांच रिपोर्ट में आरिफ को दोषी पाया गया। सरकारी वकील बिलास चटर्जी ने इस केस पर बात करते हुए कहा, 'यह एक निर्मम हत्या है। इस मामले ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे युवा मोबाइल फोन और तकनीक के जाल में फंस रहे हैं। आरिफ ने एक कमरे में पानी से भरा 'मौत का तालाब' बना दिया था और हत्या के लिए ताबूतों का इस्तेमाल किया। वह गैजेट और वर्चुअल जीवन का दीवाना था और डार्क वेब से मिली जानकारी के जरिए लाशों को छिपाने की योजना बना रहा था।'
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4 महीने तक घर में रहीं लाशें
आसिफ मोहम्मद ने फरवरी 2021 मे अपने परिवार के 4 सदस्यों की हत्या कर दी थी। आसिफ ने अपने पिता, माता, बहन और दादी की हत्या की थी। हत्या के बाद उसने उन सभी को कमरे में ही ताबूतों में बंद रखा। इन चारों की लाश 4 महीने बाद जून में आरिफ के कालियाचक के घर के कमरे से मिली।आसिफ ने परिवार के 5 लोगों को दवाई खिलाकर बेहोश कर दिया था। बेहोश हो जाने के बाद उसने उनके मुंह पर टेप बांध दी और उनके हाथ भी बांध दिए। इनमें से आसिफ का भाई बेहोशी से बाहर आया और वह वहां से भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद आसिफ ने चारों की लाशों को पानी से भरे ताबूतों में डाला और घर के कमरे में दफना दिया।
आरिफ ने खोले राज
इस घटना में आसिफ का बड़ा भाई आरिफ बच निकला था। वह शहर से भाग गया था और 4 महीने बाद कालियाचक लौटा और वापस आकर उसने पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। पुलिस को दिए बयान में उसने कहा, '28 फरवरी को आसिफ ने सॉफ्ट ड्रिंक में कुछ मिला दिया था और उसने परिवार के सभी लोगों को वह ड्रिंक पिलाई। इसके बाद सभी बेहोश हो गए।'
आरिफ ने बताया कि वह खुद पानी से भरे एक ताबूत में बंद था और उसके हाथ बंधे हुए थे। आरिफ ने परिवार के दूसरे लोगों को भी उसी हालत में देखा और वह बचने की कोशिश करने लगा तो आसिफ ने उस पर वार किया। आरिफ किसी तरह से आसिफ के बालों को खींचकर वहां से बच निकला। आरिफ को आसिफ ने धमकी दी की वह इस घटना की जानकारी किसी को न दे।
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मौत की सजा मिली
सरकारी वकील ने कहा, 'आरिफ मोहम्मद जो इस हमले में बच गया था वह 19 गवाहों में मुख्य प्रत्यक्षदर्शी है।' कोर्ट ने इस केस में आसिफ को शुक्रवार को ही दोषी करार दिया था। शनिवार के दिन कोर्ट ने आसिफ को सजा सुनाई। आरिफ की शिकायत के बाद सड़ चुके शवों को पुलिस ने 19 जून को बाहर निकाला। इन सभी के शवों पर चोटें पाई गईं, जिन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या माना गया था।
सरकारी वकील ने कहा, 'जांच के दौरान आधुनिक कंप्यूटर और बड़ी रकम मिली। आसिफ को धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत दोषी ठहराया गया। उसे हत्या के लिए मौत की सजा, हत्या के प्रयास के लिए 10 साल और सबूत नष्ट करने के लिए 7 साल की सजा मिली।'