ABVP के दबाव में हटाए जा रहे VC! क्यों लग रहे इस तरह के आरोप?
राजस्थान में कई यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को हटाने के पीछे ABVP का हाथ बताया जा रहा है। ABVP पर गुंडागर्दी के आरोप भी लग रहे हैं और गवर्नर को ABVP के दबाव में काम करने वाला बताया जा रहा है।

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: ABVP
राजस्थान की राजधानी जयपुर के जोबनेर की एक यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को राजस्थान के गवर्नर हरिभाऊ बागड़े ने सस्पेंड कर दिया। गवर्नर के इस फैसले का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पटाखे फोड़े। यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर के खिलाफ गवर्नर के पास कई शिकायतें पहुंची थी। इन शिकायतों में से कई शिकायतें ABVP की ओर से की गई थीं। इन शिकायतों के बाद ही उन्हें सस्पेंड किया गया। गवर्नर ने अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में वाइस-चांसलर को सस्पेंड किया लेकिन अब उनके फैसले पर सवाल उठने लगे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में किसी वाइस-चांसलर को ABVP की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायतों के बाद सस्पेंड किया गया हो या पद से हटाया गया हो। इस साल अब तक राजस्थान में चार यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को इसी तरह हटाया गया है। इसके अलावा एक वाइस -चांसलर ने छात्रों के दबाव में आकर इस्तीफा दे दिया है। जिन 4 वाइस-चांसलकर को गवर्नर ने हटाया है उनके हटाए जाने के कारण में लापरवाही, शक्ति का दुरुपयोग जैसे कारण शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: इंडिगो की आपदा, Spicejet का अवसर, एक झटके में बढ़ा दी 100 फ्लाइट
क्यों हटाए गए वाइस-चांसलर?
राजस्थान में ABVP के दबाव में वाइस-चांसलर को हटाने के आरोप लग रहे हैं। इसी साल अगस्त में राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, बीकानेर के वाइस चांसलर और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी जोधपुर के वर्किंग वाइस चांसलर डॉ. अरुण कुमार को हटा दिया गया था। गवर्नर के ऑफिस से जारी नोटिस के अनुसार, डॉ. अरुण कुमार के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली थीं और इन शिकायतों की जांच करने का निर्देश दिया गया था। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि अरुण कुमार ने यूनिवर्सिटी एक्ट के कई नियमों को लागू करने में जानबूझकर लापरवाही की है। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया जिससे यूनिवर्सिटी को वित्तीय नुकसान हुआ।
इस मामले में वाइस चांसलर को हटाए जाने के बाद ABVP से जुड़े एक छात्र नवीन चौधरी ने बताया कि ABVP ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की अनियमितताओं को लेकर 3-4 बार गवर्नर से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, 'इस संबंध में पहली मुलाकात नवंबर 2024 में हुई थी। इसके बाद हमने विरोध प्रदर्शन भी किया।'
ABVP पर लगे गुंडागर्दी के आरोप
जयपुर के जोबेनेर में स्थित श्री करण नरेंद्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. बलराज सिंह को गवर्नर ने 7 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर सस्पेंड कर दिया। इस आदेश में कहा गया कि बलराज सिंह को उनके कार्यकाल के लास्ट तीन महीनों में नीतिगत फैसले लेने और उनके खिलाफ मिली कई गंभीर शिकायतों के लिए सस्पेंड किया गया है। गवर्नर ऑफिस की ओर से जानकारी दी गई कि बलराज सिंह ने यूनिवर्सिटी एक्ट में बताए गए अपने अधिकारों और अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कर्मचारियों को बर्खास्त करने और ट्रांसफर करने के लिए जिम्मेदार थे। बता दें कि बलराज सिंह को उनका कार्यकाल खत्म होने से मात्र 7 दिन पहले हटाया गया है। 14 अक्टूबर को उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। उनके सस्पेंशन पर ABVP से जुड़े छात्रों ने जश्न मनाया।
डॉ. बलराज सिंह ने सस्पेंशन के बाद ABVP पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 'जो हो रहा है वह साजिश और गुंडागर्दी का रूप है। जो काम मैंने तीन साल में किया है, वह वाइस चांसलर 10 साल में भी नहीं कर सकते।' ABVP के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें ABVP नहीं बल्कि गुंडे, बदमाश और अपराधी कहूंगा। यह एक पूरा नेक्सस है जो सब कुछ कर रहा है।'उन्होंने यह भी बताया कि वह संघ से जुड़े व्यक्ति हैं लेकिन यूनिवर्सिटी में खुद को संघ का बताने वाले कई लोग विचारधारा से नहीं जुड़े हैं।
यह भी पढ़ें: 2 करोड़ कैश, गहने, कार, होटल; DSP कल्पना वर्मा पर ठगी के कौन से आरोप लगे?
हाई कोर्ट ने रद्द किया सस्पेंशन
डॉ. बलराज सिंह ने अपने सस्पेंशन के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया। जस्टिस अशोक कुमार जैन ने उनके रिटायरमेंट के दिन (14 अक्टूबर) ही उनके सस्पेंशन को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, 'रिकॉर्ड से यह साफ है कि चांसलर ने मौजूदा वाइस चांसलर को सस्पेंड करने का फैसला जल्दबाजी में लिया है और याचिकाकर्ता के सस्पेंशन को सही ठहराने के लिए रिकॉर्ड में कोई आधार नहीं है।'
राजस्थान के जोधपुर की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर के एल श्रीवास्तव को भी डॉ. बलराज की तरह ही गवर्नर ने उनके रिटायरमेंट से चार दिन पहले सस्पेंड कर दिया था। गवर्नर के ऑफिस के अनुसार, उन्हें डिविजनल कमिश्नर, जोधपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड किया गया था। गवर्नर के ऑफिस ने कहा, 'उन पर पद के दुरुपयोग, सरकारी काम में लापरवाही और यूनिवर्सिटी को वित्तीय नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप पहली नजर में सही पाए गए।' इस मामले में भी ABVP का हाथ था और ABVP के कार्यकर्ताओं ने सस्पेंशन का पटाखे फोड़ कर स्वागत किया।
कितने सस्पेंशन के पीछे ABVP?
ABVP के विरोध के बाद राजस्थान में कई वाइस-चांसलर को हटा दिया गया है। इसी साल 11 नवंबर को, भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रमेश चंद्र को गवर्नर ने कथित तौर पर यूनिवर्सिटी एक्ट और कानूनों का पालन न करने के आरोप में हटा दिया था। एक जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी के रिसोर्स और फंड का गलत इस्तेमाल करने और गलत पेमेंट करने के अलावा नियमों और कानूनों के खिलाफ मनमाने तरीके से काम करने और यूनिवर्सिटी को फाइनेंशियल नुकसान पहुंचाने के आरोप भी उनके खिलाफ सही पाए गए हैं। इस मामले में ABVP ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले से ABVP उनको हटाने की मांग कर रही है। रमेश चंद्र ने आरोप लगया कि ABVP और RSS के प्रचारक उन सभी वाइस चांसलर को हटाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें पिछले गवर्नर कलराज मिश्र ने नियुक्त किया था।
यह भी पढ़ें-- नेहरू, जिन्ना, वफादारी का सर्टिफिकेट... 'वंदे मातरम्' पर संसद में क्या-क्या हुआ?
ABVP पर लगे गंभीर आरोप
रमेश चंद्र ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो गई है और इसमें ABVP की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने ABVP पर आरोप लगाया कि वे यूनिवर्सिटी से फंड चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'आपको ABVP से जुड़े लोगों को साइकिल स्टैंड, कैंटीन के कॉन्ट्रैक्ट देने होंगे।' उन्होंने कहा कि अपराधी ABVP में शामिल हो गए हैं। उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने औरंगजेब को एक काबिल शासक बता दिया था। इसके बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए और बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनके खिलाफ भी ABVP ने प्रदर्शन किया था। इन सभी मामलों के बाद गवर्नर पर ABVP के दबाव में काम करने के आरोप लग रहे हैं।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap


