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5 बार नसबंदी करवाकर भी 25 बार मां बन गई? आगरा में चौंकाने वाला घोटाला

यूपी के आगरा जिले में जननी सुरक्षा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। जानिए क्या है पूरा मामला और अब तक की कार्रवाई।

Image of Pregnent Women

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Canva Image)

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से जननी सुरक्षा योजना से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां फतेहाबाद सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में एक महिला का रिकॉर्ड जांच टीम को चौंकाने वाला मिला। दस्तावेजों के अनुसार, महिला ने ढाई साल के अंदर 25 बार बच्चों को जन्म दिया और पांच बार नसबंदी करवाई। बता दें कि मेडिकल साइंस के अनुसार, ऐसा संभव ही नहीं है। फिर यह मामला क्या है, आइए जानते हैं।

जननी सुरक्षा योजना से जुड़ा घोटाला

यह पूरा मामला राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रही जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना में किए गए घोटाले से जुड़ा हुआ है। साल 2021-22 और 2022-23 के वित्तीय ऑडिट के दौरान यह अनियमितता उजागर हुई। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और नसबंदी कराने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी का फायदा उठाकर एक दलाल ने इस सरकारी योजना का गलत इस्तेमाल किया।

 

जांच में पता चला कि एक दलाल ने फर्जीवाड़ा कर कई महिलाओं के नाम पर खाते खुलवाए। कागजों में महिलाएं असली होती थीं लेकिन खातों से जुड़े मोबाइल नंबर दलाल के खुद के होते थे। जैसे ही खाते में सरकारी पैसे आते, उस व्यक्ति को मैसेज मिल जाता और वह बैंक से पूरे पैसे निकाल लेता। महिला को कभी-कभी तेल, अनाज या कुछ और देकर बहला देता।

 

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ऑडिट रिपोर्ट में जिस महिला का नाम सामने आया है, वह आगरा के सिकरारा गांव की रहने वाली कृष्णा कुमारी है। रिपोर्ट के अनुसार, कागजों में कृष्णा कुमारी ने 25 बार डिलीवरी करवाई और 5 बार नसबंदी करवाई, जबकि असल में उसने ऐसा कुछ नहीं किया। सोमवार को मामला सामने आने के बाद आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने तुरंत जांच के आदेश दिए। मंगलवार को वह खुद फतेहाबाद सीएचसी पहुंचे और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की।

 

कृष्णा कुमारी ने पूछताछ में बताया कि उसने कभी बैंक खाता नहीं चलाया। एक व्यक्ति ने उससे कागज लिए और खाता खुलवाया, बाद में कभी-कभी उसे कुछ सामान दे जाता था। स्वास्थ्य विभाग ने इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एक कमेटी गठित की है, जो अब हर ब्लॉक के शीर्ष 5 लाभार्थियों की जांच करेगी।

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