दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार अब आसमान से बरसात करवाने की तैयारी में है। अगर मौसम ने साथ दिया तो 28 अक्टूबर को राजधानी में पहली बार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) का ट्रायल किया जाएगा। दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर की संयुक्त परियोजना के तहत यह आर्टिफिशियल बारिश करवाई जा रही है, जिसका मकसद प्रदूषण को कम करना और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनींदर सिंह सिरसा ने बताया कि मंगलवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई गई है, जिसमें मौसम की स्थिति का आकलन किया जाएगा। अगर हालात अनुकूल रहे तो कानपुर से आने वाला विमान दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश की कोशिश करेगा। इससे पहले बुराड़ी इलाके में क्लाउड सीडिंग का टेस्ट फ्लाइट किया जा चुका है।
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एक बार फेल हो चुकी है टेस्टिंग
इस ट्रायल में सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड जैसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाएगा जो बादलों से बारिश कराने में मदद करते हैं। हालांकि पिछली टेस्ट फ्लाइट में नमी की कमी (20 प्रतिशत से कम) के वजह से बारिश नहीं हो सकी थी। आमतौर पर क्लाउड सीडिंग के लिए 50 प्रतिशत नमी की आवश्यकता होती है।
क्यों फेल हुई थी टेस्टिंग
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछला ट्रायल केवल इक्यूपमेंट्स और विमान की तैयारी की जांच के लिए था। अब जब भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 28 से 30 अक्टूबर के बीच अनुकूल मौसम की संभावना जताई है, तो सरकार को उम्मीद है कि 29 अक्टूबर को राजधानी आर्टिफिशियल बारिश का अनुभव कर सकती है।
दिल्ली सरकार ने 3.21 करोड़ रुपये की लागत से पांच क्लाउड सीडिंग ट्रायल कराने की योजना बनाई है। यह प्रोजेक्ट फिलहाल उत्तर-पश्चिम दिल्ली के इलाकों में किया जाएगा। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और केंद्र-राज्य की दस से ज्यादा एजेंसियों से इसकी मंजूरी मिल चुकी है।
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दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने दी जानकारी
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि मौसम विभाग ने 28 से 30 अक्टूबर के बीच उपयुक्त बादल बनने की संभावना का संकेत दिया है। सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो दिल्ली में 29 अक्टूबर को पहली आर्टिफिशियल बारिश हो सकती है।
हालांकि, मौसम सही न होने और मानसून की स्थिति की वजह से इस टेस्टिंग को कई बार स्थगित किया गया है, जिसमें मई के अंत, जून की शुरुआत, अगस्त, सितंबर और हाल ही में अक्टूबर के दूसरे हफ्ते की समय-सीमाएं शामिल हैं।