आजमगढ़ के जिलाधिकारी (डीएम) रविंद्र कुमार पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (ExEn) अरुण सचदेव की डंडों से पिटाई करने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले ने प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। अरुण सचदेव ने चीफ इंजीनियर और लखनऊ के विभागाध्यक्ष को शिकायत भेजकर डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इसकी उच्चस्तरीय जांच और दोषी पाए जाने पर डीएम के खिलाफ एफआईआर की मांग की है।
अरुण सचदेव ने बताया कि 13 जून 2025 की शाम डीएम ने उन्हें कैंप ऑफिस बुलाया। वहां पहुंचने पर स्टेनो ने उनका मोबाइल जमा करवा लिया। कमरे में प्रवेश करते ही डीएम ने अपमानजनक टिप्पणी की, 'तुम अपने आप को हीरो समझते हो? तुमसे बड़ा हीरो मैं हूं।' इसके बाद डीएम ने गुस्से में डंडे से उनकी पिटाई की और कहा, 'जिसे बताना है, बता दो, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता।' सचदेव ने कहा कि इस घटना ने उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई और वे मानसिक व शारीरिक तनाव में हैं। उन्होंने आजमगढ़ में काम करने से इनकार करते हुए तबादले की मांग की है।
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रोकी गई थी सैलरी
सचदेव ने यह भी बताया कि डीएम ने पहले भी उनकी सैलरी पर रोक लगाई थी। 27 मई 2025 को डीएम के ओएसडी के निरीक्षण में समय पर न पहुंचने के कारण उनका मई का वेतन रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि उस दिन वे हाईकोर्ट के एक मामले में गोरखपुर में थे, जिसकी जानकारी डीएम को दी गई थी, फिर भी कार्रवाई की गई।
ऑफिस बुलाकर अपमानित किया
घटना की जड़ 13 जून को मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई एक बैठक से जुड़ी है। इसमें डीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों और विस्थापित लोगों की सूची मांगी थी। सचदेव का कहना है कि इसी के बाद उन्हें कैंप ऑफिस बुलाकर अपमानित किया गया।
दूसरी ओर, डीएम रविंद्र कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'कुछ लोग काम में रुचि रखते हैं, कुछ राजनीति करते हैं। जिले में आईजीआरएस रैंकिंग और ग्रेडिंग में सुधार हो रहा है। हमारा प्रयास है कि योजनाएं सुचारू रूप से चलें।' उन्होंने इस मामले पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की।